रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने धनबाद के जज उत्तम आनंद की मौत मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दाैरान सीबीआइ का पक्ष सुना. सीबीआइ की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार ने खंडपीठ को बताया कि अनुसंधान के दाैरान सीबीआइ की ओर से वाट्सऐप चैट के बारे में जानकारी मांगी गयी थी, लेकिन इंटरपोल से जो रिपोर्ट आयी है, उसमें कोई नया सबूत नहीं मिला है. सीबीआइ की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट को देखने के बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 14 मार्च की तिथि निर्धारित की.
वहीं एक अन्य स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने माैखिक रूप से राज्य सरकार से पूछा कि राज्य भर के सिविल कोर्ट के न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा की क्या व्यवस्था है. न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा के बारे में राज्य सरकार को जानकारी देने का निर्देश दिया. मामले की सुनवाई के दौरान जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल उपस्थित थे. उल्लेखनीय है कि धनबाद में जज उत्तम आनंद की मौत 28 जुलाई 2021 को मॉर्निंग वॉक के दौरान टेंपो के धक्के से हो गयी थी. मामले में हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. बाद में मामले की जांच झारखंड पुलिस से लेकर सीबीआइ को सौंपी गयी थी. धनबाद सीबीआइ की विशेष अदालत ने उत्तम आनंद माैत मामले में दो आरोपियों को दोषी पाने के बाद आजीवन कारावास की सजा सुना चुकी है.