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Lok Sabha Election 2024 : जंगीपुर में हिंसामुक्त निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद में विपक्षी दल, भाजपा काे इस सीट से अच्छे परिणाम की उम्मीद

Lok Sabha Election 2024 : भाजपा की ओर से उम्मीदवारों की पहली सूची घोषित कर दी गयी है. केंद्रीय व प्रदेश नेतृत्व तथा जिला नेतृत्व की राय एक न होने की वजह से जंगीपुर लोकसभा सीट के लिए अभी तक भाजपा ने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक भाजपा के पास जंगीपुर से उम्मीदवारी के लिए 23 आवेदन आये हैं.


Lok Sabha Election 2024 : जंगीपुर में निष्पक्ष लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) को लेकर विपक्षी दल आशंकित हैं. कहा जा सकता है कि आतंकित भी हैं. चुनाव आयोग से नोडल ऑफिसर लगाने की मांग की गयी है. कांग्रेस, माकपा व भाजपा का आरोप है कि पूर्व में केंद्रीय बलों के वहां आने पर भी जिला प्रशासन की ओर से जवानों को बैठा कर रखा जाता है या फिर जहां जाना चाहिए, वहां न भेज कर अन्यत्र भेज दिया जाता है. इसलिए हर पुलिस जिले में केंद्रीय स्तर पर नोडल अधिकारी की नियुक्ति की मांग विपक्षी दलों की ओर से की जा रही है.

जंगीपुर में केंद्रीय बल की 400 जवान कर रहे हैं रूट मार्च

अभी जंगीपुर पुलिस जिले में केंद्रीय बल की चार कंपनी यानी करीब 400 जवान रूट मार्च कर रहे हैं. यहां पांच थाने और छह विधानसभा क्षेत्र हैं. इनमें से शमशेरगंज और फरक्का विधानसभा क्षेत्र मालदा दक्षिण लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं. बाकी चार जंगीपुर, रघुनाथगंज, सागरदीघी के अलावा मुर्शिदाबाद पुलिस जिले के लालगोला, नवग्राम व खड़ग्राम विधानसभा क्षेत्र मिला कर जंगीपुर लोकसभा क्षेत्र बना है. माकपा नेता सोमनाथ सिंहराय का कहना है कि पार्टी की ओर से कुछ संवेदनशील इलाकों के नाम चुनाव आयोग को भेजे जा रहे हैं.

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अभी भी ताजी हैं पंचायत चुनाव में हुए खून-खराबे की यादें

सीमा से सटे रघुनाथगंज थाना इलाके के चर पिरोजपुर व चर बाजितपुर में पिछले पंचायत चुनाव के दौरान बूथ कब्जाने को केंद्र कर दो लोगों की हत्या कर दी गयी थी. इसके अलावा सागरदीघी के किसमत गादी में भी एक व्यक्ति की हत्या हो गयी थी. विपक्षी दलों का कहना है कि सेकेंद्रा, गिरिया, शमशेरगंज के भासाइपाइकर, दोगाछी पंचायत इलाके, सूती के कासिमनगर, बामुहा, उमरापुर के कई गांवों में केंद्रीय बलों को स्थायी तौर पर रखे जाने की जरूरत है. हर पुलिस जिले में केंद्रीय बल से नोडल ऑफिसर रखने की आवश्यकता है.

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जंगीपुर को लेकर चुनाव आयोग अलर्ट

कांग्रेस के जंगीपुर महकमा के अध्यक्ष हसनुज्जमां बाप्पा कहते हैं कि केंद्रीय बल के जवानोें को बैठा कर अपना काम निकालने की कोशिश में सत्ताधारी पार्टी जुटी रहती है. इसलिए चुनाव आयोग को तत्पर होना होगा. भाजपा के उत्तर मुर्शिदाबाद जिला अध्यक्ष धनंजय घोष के मुताबिक, आयोग के निर्देश के बावजूद मुर्शिदाबाद जिले में ही कई ऐसे पुलिस अधिकारी रह गये हैं, जिनका यहीं पर कार्यकाल पांच से 12 वर्ष का हो चुका है. आशंका है कि केंद्रीय बलों को ये भ्रमित कर सकते हैं. इन सभी के नाम आयोग को भेजे जा रहे हैं. हालांकि तृणमूल अध्यक्ष खलीलुर रहमान का कहना है कि चुनाव आयोग जो भी कदम उठायेगा, उन्हें वह स्वीकार है. वह भी चाहते हैं कि हर जगह रूट मार्च होना चाहिए.

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2009 के बाद से भाजपा लगातार बढ़ाती गयी है अपनी सियासी ताकत

जंगीपुर संसदीय क्षेत्र में अमूमन कांग्रेस व माकपा के बीच ही मुकाबला होता रहा है. लेकिन समय के साथ यहां के सियासी हालात बदलते गये. कांग्रेस व माकपा यहां कमजोर होती चली गयीं. पिछले चुनाव में तृणमूल के खलीलुर रहमान यहां से जीते थे. पहली बार यह सीट तृणमूल के कब्जे में आयी. तृणमूल ने अपनी ताकत यहां बढ़ायी, लेकिन भाजपा भी पीछे नहीं रही. 2019 के चुनावी नतीजों पर नजर डालें तो तृणमूल को 43.15% वोट मिले थे. उसने अपने वोट प्रतिशत में 24.61% का इजाफा किया. पर, कभी जिस भाजपा का यहां नामोंनिशान नहीं था, वह दूसरे स्थान पर आ गयी. उसे 24.30% वोट मिल गये.

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भाजपा ने वोट प्रतिशत में 15.65% का किया था इजाफा

भाजपा ने अपने वोट प्रतिशत में 15.65% का इजाफा किया. याद रखने योग्य तथ्य यह भी है कि 2014 के चुनाव में यहां भाजपा को महज 8.65% वोट ही मिले थे. इससे पहले 2012 के उपचुनाव में 10.06% . 2009 में जब प्रणव मुखर्जी ने यहां से चुनाव लड़ा था, उस समय तो भाजपा का वोट प्रतिशत महज 2.33 फीसदी ही था. 2004 में हुए चुनाव में भाजपा का यहां कोई नामोनिशान नहीं था. पर, 2009 के बाद भाजपा यहां लगातार मजबूत होती देखी गयी है. वर्ष 2019 में वह दूसरे स्थान पर आ गयी. वोट प्रतिशत भी काफी बढ़ गया. कहा जा सकता है कि इस सीट पर भाजपा को मिलने वाले वोटों का ग्राफ लगातार बढ़ता गया है. हालांकि अभी भी वह तृणमूल से काफी पीछे दिख रही है. इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा यहां कोई करिश्मा कर पाती है या नहीं, इस पर अभी से ही सभी की निगाहें टिकी हुई हैं

बीड़ी बना कर जीवन यापन को मजबूर महिलाएं

शहर में लाखों लोग बीड़ी बनाने के काम से जुड़े हुए हैं. इस काम से अधिकतर घरेलू महिलाएं जुड़ी हुई हैं. यहां 1000 बीड़ी बांधने पर महिलाओं को महज 178 रुपये दिये जाते हैं, जबकि, कथित तौर पर बीड़ी बनाने वाली कंपनियां काफी मुनाफा कमाती हैं. पता चला है कि कंपनियां बिचौलियों के जरिये महिलाओं तक बीड़ी बनाने का काम पहुंचाती हैं. अधिकांश मुनाफा ये बिचौलिये ही खा जाते हैं. अन्य कोई उद्योग नहीं होने के कारण इस उद्योग से जुड़ कर काम करने को महिलाएं मजबूर हैं. 12 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद एक महिला 900 से 1000 बीड़ी बना पाती है. एक पैकेट में 20 बीड़ियों का बंडल होता है, जिसका बाजार मूल्य 12 रुपये होता है. इस तरह 1000 बीड़ी की कीमत 600 रुपये हो जाती है.

10 लाख से ज्यादा लोग बीड़ी कारोबार से जुड़े हुए

जानकारी के मुताबिक यहां 10 लाख से ज्यादा लोग बीड़ी कारोबार से जुड़े हुए हैं. यहां के कई नेता भी इस उद्योग से जुड़े हुए हैं. बताया जाता है कि यहां की बनायी गयी बीड़ियां का मार्केट खाड़ी के देशों में भी है. इस पेशे से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ भी मुश्किल से मिलता है. पैसे के लिए छोटे बच्चे भी इस पेशे से जुड़े दिखते हैं. महिलाएं चाहती हैं कि उनके बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले, लेकिन गरीबी के कारण उन्हें भी इस पेशे में लगाना पड़ता है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यहां के तृणमूल सांसद खलीलुर रहमान भी एक बीड़ी कंपनी के मालिक हैं. सरकारी दर पर यहां की महिलाओं को कंपनियां कभी मेहनताना नहीं देती है. इस समय यहां दो बड़े उद्योग हैं. 2100 मेगावाट का फरक्का सुपर थर्मल पावर प्लांट व 1600 मेगावाट का सागरदिघी थर्मल पावर प्लांट है. जंगीपुर कॉलेज यहां का सबसे प्रसिद्ध कॉलेज है. कटरा मस्जिद, तारापीठ मंदिर, पेरेडाइज बीच, मां नालातेश्वरी मंदिर यहां के प्रमुख दार्शनिक स्थल हैं.

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जंगीपुर से उम्मीदवारी के लिए आगे आये हैं 23 दावेदार

भाजपा की ओर से उम्मीदवारों की पहली सूची घोषित कर दी गयी है. केंद्रीय व प्रदेश नेतृत्व तथा जिला नेतृत्व की राय एक न होने की वजह से जंगीपुर लोकसभा सीट के लिए अभी तक भाजपा ने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक भाजपा के पास जंगीपुर से उम्मीदवारी के लिए 23 आवेदन आये हैं. इनमें से उत्तर जिला कमेटी के अध्यक्ष के अलावा राज्य कमेटी के एक सदस्य का भी नाम है. कभी वह विधानसभा चुनाव में भी उम्मीदवार हुए थे. आवेदकों में एक वकील का भी नाम है. वकील साहब कभी विधानसभा चुनाव में सूटी से चुनाव लड़े थे पर उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था. उत्तर मुर्शिदाबाद के भाजपा जिलाध्यक्ष धनंजय घोष ने कहा कि जंगीपुर में पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को 3.17 लाख वोट मिले थे. इस बार पार्टी ने जो समीक्षा की है उससे साढ़े चार लाख वोटों से अधिक भाजपा को यहां से मिलने की संभावना है.Narendra Modi : प्रधानमंत्री ने ममता सरकार पर किया कटाक्ष कहा, बंगाल में तृणमूल का मतलब है तू-मैं और करप्शन ही करप्शन

भाजपा को इस सीट से है अच्छे परिणाम की उम्मीद

इसी वजह से पार्टी के 23 नेताओं ने उम्मीदवार बनने के लिए आवेदन किया है. इसीलिए इस सीट से उम्मीदवार का फैसला होने में विलंब हो रहा है. लेकिन जल्द ही उम्मीदवार के नाम की घोषणा हो जायेगी. भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उम्मीदवार के लिए पार्टी ने एक अंदरुनी समीक्षा की थी. इसमें इस बार जंगीपुर से किसी गैर अल्पसंख्यक नेता को उम्मीदवार बनाने के हक में अधिक लोगों ने वकालत की. लेकिन केंद्रीय नेतृत्व किसी अल्पसंख्यक चेहरे को उतारना चाहता है. इसमें उनकी पहली पसंद माफूजा खातून हैं. पिछली बार उन्हें इस सीट से 3.17 लाख वोट मिले थे. इसके अलावा हज कमेटी सहित कई केंद्रीय कमेटियों की वह सदस्य हैं. अल्पसंख्यक वोट भी वह अपने हक में कर सकेंगी.

कांग्रेस व तृणमूल कांग्रेस के बीच अल्पसंख्यक वोटों का बंटवारा होना लगभग तय

भारतीय जनता पार्टी की राज्य कमेटी के एक सदस्य ने बताया कि जंगीपुर में उम्मीदवारी को लेकर पार्टी का मानना है कि इस बार कांग्रेस व तृणमूल कांग्रेस के बीच अल्पसंख्यक वोटों का बंटवारा होना लगभग तय ही है. पिछले लोकसभा चुनाव में ऐसा नहीं हो सका था. इस बार पंचायत चुनाव में वाममोर्चा व कांग्रेस की सीटों में वृद्धि हुई है. तृणमूल को उसके भ्रष्टाचार और उसकी गुटबाजी का खामियाजा भुगतना होगा. लालगोला व सागरदीघी में कांग्रेस की स्थिति तृणमूल से बेहतर है. इसलिए जंगीपुर में लड़ाई त्रिकोणीय होगी. लिहाजा साढ़े चार लाख वोट मिलने से जीत की संभावना काफी बढ़ जायेगी. इसलिए केंद्रीय नेतृत्व माफूजा खातून को फिर एक मौका देना चाहता है.

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जहांगीर ने बसाया था जंगीपुर शहर
मुगल सम्राट जहांगीर के नाम पर इस शहर का नामकरण हुआ. कभी इसे जहांगीरपुर कहा जाता था. ब्रिटिश काल में इसे जंगीपोर कहा जाने लगा. भागीरथी के किनारे स्थित जंगीपुर शहर को मुगल सम्राट जहांगीर ने बसाया था. ईस्ट इंडिया कंपनी के दौर में यह बंगाला का एक महत्वपूर्ण वाणिज्यिक केंद्र था. रेशम के लिए यह इलाका विख्यात था और रेशम के कारोबार के लिए भी धीरे-धीरे यह शहर एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया था. जहांगीर ने यहां एक आर्मी कैंप भी स्थापित किया था. कालांतर में इसकी ख्याति कम होती गयी. 20वीं सदी की शुरुआत में भागीरथी से गुजरने वाले सभी वाहनों के लिए यहां बना टोल स्टेशन विख्यात था. यहां अब कारोबार व यातायात काफी कम हो गया है. इलाका नदी कटाव की समस्या से भी दो-चार होता रहा है. भागीरथी नदी की वजह से यहां की कई जगहें पानी में डूब चुकी हैं.

तृणमूल की चिंता आंतरिक कलह

लोकसभा चुनाव के पहले जंगीपुर लोकसभा क्षेत्र के लिए तृणमूल की सबसे बड़ी चिंता पार्टी के भीतर पनप रही नाराजगी और गुटबाजी है. आये दिन नेताओं के बयान से पार्टी असहज स्थिति में आ जाती है. जंगीपुर के विधायक जाकिर हुसैन ने अपनी ही पार्टी के पार्षदों के खिलाफ विस्फोटक आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कई ऐसे पार्षद हैं, जिनके दो मंजिला या तीन मंजिला घर बन गये हैं, जबकि वे ही लोग कभी दो वक्त ठीक से भोजन भी नहीं करने की स्थिति में थे. उनका संकेत गड़बड़ी की तरफ है. वह ऐसे लोगों के खिलाफ शिकायत करेंगे. उनके विरुद्ध कदम उठायेंगे. इधर जंगीपुर के तृणमूल नेता मोहम्मद याकूब द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुणगान किये जाने से भी पार्टी में हड़कंप मचा है. रेलवे के एक कार्यक्रम में वह न केवल शामिल हुए, बल्कि उन्होंने कहा कि मोदी हमारे गर्व हैं. भारत के लोकप्रिय प्रधानमंत्री हैं. तृणमूल के पंचायत प्रधान ने न केवल प्रधानमंत्री की प्रशंसा की, बल्कि सोशल मीडिया में अपने भाषण का वीडियो भी पोस्ट कर दिया. हालांकि प्रभात खबर ने उक्त वीडियो की सत्यता की जांच नहीं की है.

जंगीपुर के 07 विधानसभा क्षेत्र

  • सूत तृणमूल इमानी विश्वास
  • जंगीपुर तृणमूल जाकिर हुसैन
  • रघुनाथगंज तृणमूल अखरुज्जमां
  • सागरदीघी कांग्रेस बायरन विश्वास
  • लालगोला तृणमूल अली मोहम्मद
  • नवग्राम तृणमूल कनाई चंद्र मंडल
  • खरग्राम तृणमूल आशीष मारजीत

मतदाताओं के आंकड़

  • कुल मतदाता 1614081
  • पुरुष मतदाता 824119
  • महिला मतदाता 789921
  • थर्ड जेंडर 000041

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