Ranji Trophy 2023-24: मुंबई ने 8 साल बाद जीता रणजी ट्रॉफी का खिताब
घरेलू क्रिकेट की दिग्गज टीम मुंबई ने आठ साल का इंतजार खत्म करते हुए अपना ही रिकॉर्ड बेहतर करके 42वीं बार रणजी ट्रॉफी खिताब जीता. टूर्नामेंट के इतिहास में 90 में से 48वीं बार मुंबई फाइनल में पहुंची थी. मुंबई ने आखिरी बार रणजी ट्रॉफी का खिताब 2015-16 में जीता था. मुंबई ने उस समय फाइनल मुकाबले में सौराष्ट्र की टीम को हराया था और खिताब पर कब्जा जमाया था.
मुंबई ने विदर्भ को जीत के लिए दिया था 538 रनों का बड़ा लक्ष्य
वानखेड़े स्टेडियम पर खेले गए फाइनल का नतीजा लगभग उसी समय तय हो गया था जब विदर्भ को 538 रन का लगभग नामुमकिन सा लक्ष्य मिला था. विदर्भ के कप्तान अक्षय वाडकर (102) और हर्ष दुबे (65) ने हालांकि पूरे पहले सत्र में मुंबई के गेंदबाजों को परेशान किया. विदर्भ ने पांच विकेट पर 248 रन से आगे खेलना शुरू किया था और उसे 290 रन और चाहिये थे. विदर्भ की टीम 368 रन पर आउट हो गई.
विदर्भ के अक्षय वाडकर ने इस साल पहला शतक जमाया और सत्र में 600 रन का आंकड़ा पार किया
अक्षय वाडकर ने इस साल पहला शतक जड़ने के साथ ही सत्र में 600 रन का आंकड़ा भी पार किया. वहीं दुबे ने प्रथम श्रेणी कैरियर में दूसरा अर्धशतक जमाया. दोनों ने 194 मिनट और 255 गेंद तक चली साझेदारी निभाई. दूसरे सत्र का खेल शुरू होने के कुछ देर बाद ही वाडकर को तनुष कोटियान ने आउट किया. कोटियान ने 95 रन देकर चार विकेट लिये. यह साझेदारी टूटने के बाद विदर्भ की हार पर लगभग मुहर लग गई. विदर्भ दो बार खिताब जीतने के बाद तीन बार फाइनल हार गया है.
तनुश कोटियन ने की घातक गेंदबाजी
दूसरी पारी में मुंबई की ओर से तनुश कोटियन ने घातक गेंदबाजी की. उन्होंने 39 ओवर में 95 रन देकर 4 विकेट चटकाये. तुषार देशपांडे ने शॉर्ट गेंद पर दुबे को आउट किया. दुबे ने 128 गेंद में पांच चौकों और दो छक्कों की मदद से 65 रन बनाये. देशपांडे ने ही आदित्य सरवटे को भी पवेलियन भेजा. कोटियान ने यश ठाकुर (छह) के रूप में चौथा विकट लिया. वहीं अपने कैरियर का आखिरी मैच खेल रहे धवल कुलकर्णी ने उमेश यादव का विकेट लेकर विदर्भ की पारी का पटाक्षेप किया.