क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) के जिन कार्यों की समीक्षा प्रधानमंत्री और गृह मंत्रालय द्वारा की जाती है, उन्हें लेकर भी झारखंड पुलिस गंभीर नहीं है. पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों द्वारा सीसीटीएनएस के कार्यों की समीक्षा के बाद तैयार की गयी रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, सीसीटीएनएस के कार्यों के लिए कंप्यूटर ऑपरेटर की कमी के कारण डाटा इंट्री का काम बाधित है.राज्य के ज्यादातर थानों में सीसीटीएनएस के ऑपरेटर को उनके मूल कार्य से हटा कर ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम (एचआरएमएस) में लगा दिया गया है. कई बार ऑपरेटर के लंबी छुट्टी पर चले जाने या सार्जेंट मेजर के स्तर से मनमाने तरीके से थानों के ऑपरेटर को पुलिस लाइन में बुला लेने से सीसीटीएनएस का काम प्रभावित होता है.
हर माह की परफॉरमेंस के आधार पर राज्यों को दी जाती है वरीयता
रिपोर्ट में कहा गया है कि सीसीटीएनएस भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है. इसकी निरंतर समीक्षा भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा और प्रगति पोर्टल पर प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है. हर माह की परफॉरमेंस के आधार पर राज्य को वरीयता दी जाती है. कंप्यूटर ऑपरेटर की प्रतिनियुक्ति के लिए पूर्व में पुलिस आदेश भी जारी किया जा चुका है, लेकिन पुलिस आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि थाने में दर्ज केस और फाइनल रिपोर्ट न्यायालय के सीआइएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से भेजनी है. लेकिन, कुछ थानों द्वारा अब भी प्राथमिकी और फाइनल रिपोर्ट की प्रति अदालत को मैनुअल भेजी जा रही है.
सीसीटीएनएस के कार्यों के लिए बनी नियमावली
– सीसीटीएनएस प्रशिक्षित ऑपरेटर को सिर्फ सीसीटीएनएस के कार्यों में लगाया जाये. विशेष परिस्थिति में अनुमति लेने के बाद ही दूसरे कार्य में लगाया जा सकता है.
– जिन थानों में प्रति माह औसतन 20 से अधिक केस दर्ज होते हैं, वहां दो ऑपरेटर और जहां 20 से कम केस दर्ज होते हैं, वहां एक ऑपरेटर की प्रतिनियुक्ति की जाये.- सीसीटीएनएस ऑपरेटर की प्रतिनियुक्ति अब जिला में एसएसपी या एसपी के स्तर पर की जायेगी. किसी भी परिस्थिति में सार्जेंट मेजर बिना एसपी की अनुमति के ऑपरेटर को एक थाना से दूसरे थाना में ट्रांसफर नहीं करेंगे. ट्रांसफर की सूचना पुलिस मुख्यालय को देनी होगी.
– सीसीटीएनएस के कार्यों के लिए अगर ऑपरेटर की कमी है, तो उस स्थिति में नये ऑपरेटर की सूची तैयार कर जिलास्तर से इन्हें प्रशिक्षण देकर काम लिया जाये.