रिटायरमेंट के बाद भी कंपनी के आवास में रह रहे कोलकर्मियों के लिए अच्छी खबर है. वे रिटायरमेंट के बाद भी कंपनी के आवास में रह सकेंगे. इसके लिए कोल इंडिया व उसकी सहायक कोल कंपनियां अपने सरप्लस आवास को रेंट या लीज एग्रीमेंट पर देने पर विचार कर रही है. इससे ना सिर्फ सरप्लस आवास का सदुपयोग होगा, बल्कि कंपनी को रेंट के रूप में राजस्व की भी प्राप्त होगा. इसको लेकर कोल इंडिया स्तर पर गठित कमेटी की पहली बैठक 20 मार्च को बीसीसीएल मुख्यालय कोयला भवन में होगी. इसमें रिटायर्ड कोलकर्मियों को कंपनी के सरप्लस आवास रेंट, लीज या एग्रीमेंट आदि पर देने पर मंथन के पश्चात निर्णय की उम्मीद है. उक्त कमेटी में बीसीसीएल के डीपी मुरली कृष्ण रमैय्या, इसीएल डीपी आहूति स्वाईन समेत अन्य कोल कंपनियों के डीपी व डीएफ के अलावा श्रमिक संगठन के नेताओं को भी शामिल किया गया है. बता दें कि बीसीसीएल समेत पूरे कोल इंडिया व सहायक कंपनियों में वर्तमान में सैकड़ों आवास सरप्लस है. इसमें कुछ आवासों में रिटायर्ड कोलकर्मी जमे हुए है, जबकि कई आवासों पर बाहरी लोगों का कब्जा है.
31 तक रिटायर्ड कोलकर्मियों एनसीडब्ल्यू-11 के बकाया एरियर का भुगतान
राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता ( एनसीडब्ल्यू-11) के तहत रिटायर्ड कोलकर्मियों को बकाया एरिया का भुगतान 31 मार्च तक हो जायेगा. कोल इंडिया के डीपी विनय रंजन ने सभी सहायक कोल कंपनियों के सीएमडी को पत्र लिख कर भुगतान सुनिश्चित करने की बात कही है. कहा गया है कि गैर-कार्यकारी कर्मचारियों के वेतन को एक जुलाई 2021 से संशोधित किया गया. परंतु इस संबंध में यह देखा गया है कि विभिन्न संभाग के रिटायर्ड कर्मचारियों को एनसीडब्ल्यूए-11 बकाया का भुगतान आज तक सहायक कोल कंपनियों द्वारा पूरा नहीं किया गया है. इस मामले को ट्रेड यूनियनों द्वारा विभिन्न संरचित बैठकों में भी उठाया जा रहा है.