Lok Sabha Chunav 2024: भारत में दुनिया का सबसे महंगा चुनाव होता है. इस दौरान राजनीतिक दल पानी की तरह पैसा बहाते हैं. यदि ग्राम पंचायत से लेकर लोकसभा तक के चुनावों का एक बार का खर्च जोड़ दें, तो यह 10 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाता है.
…तो 3 से 5 लाख करोड़ रुपए की हो सकती है बचत
सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज के मुताबिक, अगर सारे चुनाव एक हफ्ते में कराये जायें और पार्टियां चुनावी अनुशासन का पालन करें, तो तीन से पांच लाख करोड़ रुपये तक की बचत हो सकती है. संस्था के मुताबिक 2024 के लोकसभा चुनाव में 1.20 लाख करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है. इसमें सबसे बड़ा हिस्सा उम्मीदवारों के प्रचार अभियान का होगा.
विधानसभा चुनावों पर होता है सबसे ज्यादा खर्च
देशभर में 4,500 विधानसभा सीटें हैं. इनका एक बार चुनाव कराने का खर्च तीन लाख करोड़ रुपये आता है. महानगरपालिका की कुल 500 सीटें हैं. इनके चुनाव पर एक लाख करोड़ रुपये खर्च आता है. जिला परिषद की 650, मंडल की 7,000 और ग्राम पंचायत की 2.5 लाख सीटों पर चुनाव में करीब 4.30 लाख करोड़ खर्च होते हैं.
70 लाख रुपये तक है चुनावों में खर्च की सीमा
लोकसभा चुनाव में एक उम्मीदवार 50 लाख से 70 लाख रुपये के बीच खर्च कर सकता है. हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि वह किस राज्य से चुनाव लड़ रहा है. अरुणाचल प्रदेश, गोवा और सिक्किम (खर्च सीमा 54 लाख) को छोड़कर अन्य सभी राज्यों में एक प्रत्याशी प्रचार पर अधिकतम 70 लाख खर्च कर सकता है. दिल्ली के लिए यह सीमा 70 लाख और अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 54 लाख है. विधानसभा चुनाव के लिए अधिकतम खर्च सीमा 20 लाख से 28 लाख रुपये के बीच है.
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पिछले पांच चुनावों में पांच गुना तक बढ़ा चुनावी खर्च
सुरसा के मुख की तरह दिनोंदिन बढ़ता जा रहा चुनावी खर्च पिछले चुनाव में 550 अरब रुपये तक पहुंच गया. पिछले पांच चुनावों की ही तुलना करें, तो यह खर्च पांच गुना से अधिक बढ़ चुका है. 1999 में करीब 100 करोड़ रुपये खर्च हुए थे.
पिछले साल 1760 करोड़ की नकदी जब्त
वर्ष 2023 में पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों पर चुनाव आयोग की पेश रिपोर्ट के अनुसार के इस दौरान 1760 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती की गयी. यह रकम पिछली बार की जब्ती से सात गुना ज्यादा है.
राज्य विधानसभा चुनाव | राशि |
तेलंगाना | 659.2 करोड़ रुपए |
राजस्थान | 650.7 करोड़ रुपए |
मध्य प्रदेश | 323.7 करोड़ रुपए |
छत्तीसगढ़ | 76.9 करोड़ रुपए |
मिजोरम | 49.6 करोड़ रुपए |