12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

धनबाद में हुआ था बिहार में आंदोलन करने का फैसला, संपूर्ण क्रांति के 50 वर्ष पर आंदोलनकारियों ने साझा की यादें

संपूर्ण क्रांति : 18 मार्च, 1974 का दिन अहम था, जब बिहार छात्र संघर्ष समिति ने अपनी 13 सूत्री मांगों को लेकर बिहार विधानसभा का घेराव किया.

अशोक कुमार, धनबाद: इस वर्ष संपूर्ण क्रांति का 50 वर्ष पूरा हो रहा है. इस आंदोलन में 18 मार्च, 1974 का दिन अहम था, जब बिहार छात्र संघर्ष समिति ने अपनी 13 सूत्री मांगों को लेकर बिहार विधानसभा का घेराव किया. इस आंदोलन को दबाने के लिए पुलिस ने छात्रों पर फायरिंग की थी. इसमें कई छात्र मारे गये थे. आगे चल कर संपूर्ण क्रांति आंदोलन को मजबूती प्रदान करने में इस गोलीकांड ने अहम भूमिका निभायी. इस ऐतिहासिक घटना का धनबाद से गहरा संबंध है. इसके कई अहम किरदार आज धनबाद में रह रहे हैं. इन में तीन लोगों हरि प्रकाश लाटा, प्रो एनके अंबष्ट और अवधेश कुमार सिंह ने इस घटना से जुड़ी अपनी यादों को प्रभात खबर के साथ साझा किया है. गोलीकांड के बाद रेलवे लाइन पकड़ कर भागे थे

हरिप्रकाश लाटा

भाजपा नेता हरिप्रकाश लाटा बताते हैं कि धनबाद में बिहार में एक बड़ा छात्र आंदोलन खड़ा करने का निर्णय पहली बार लिया गया था. दिसंबर 1973 में धनबाद में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का प्रदेश सम्मेलन था. इसी अधिवेशन में पहली बार तय किया गया कि बिहार में सभी छात्र संगठनों को एक मंच पर ला कर एक बड़ा आंदोलन खड़ा करना है. इससे पहले देश के कई राज्यों में सिनेमा टिकट व मेस फीस में वृद्धि को लेकर छात्रों का आंदोलन चल रहा था. इसी के बाद बिहार संयुक्त छात्र मोर्चा का गठन किया गया. पटना विवि में 17 से 19 जनवरी 1974 को मोर्चा की बैठक हुई. इसी बैठक में 18 मार्च, 1974 को बिहार विधान सभा के घेराव का निर्णय लिया गया. श्री लाटा बताते हैं कि 18 मार्च को वह बिहार विधान सभा के समक्ष शहीद स्मारक के पास ही मौजूद थे. यहां छात्रों पर पहले लाठी चार्ज हुआ. इसके बाद आंसू गैस के गोले छोड़े गये. लेकिन इसके बाद भी छात्र हटने को तैयार नहीं हुए, तो फायरिंग की गयी. फायरिंग के बाद ही छात्र तितर-बितर हुए. वह खुद रेलवे लाइन पकड़ कर वहां से भागे थे.

सेवानिवृत्त डीएसपी अवधेश कुमार सिंह इस गोलीकांड की अहम कड़ी रहे हैं. वह इस दिन को याद करते हुए बताते हैं कि वह भोजपुर छात्र संगठन से जुड़े हुए थे. उनके संगठन को विधान सभा के उत्तरी गेट से किसी भी विधायक को अंदर जाने से रोकने की जिम्मेवारी दी गयी थी. जब वे लोग विधान सभा की ओर जा रहे थे, तो रास्ते में उन्हें बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की बस खड़ी मिल गयी. उन्हें बस चलानीआती थी. उन्होंने बस को हाइजैक कर लिया और अपने दल के सभी सदस्यों को बस में बैठा कर विधान सभा के समक्ष पहुंच गये. यहां आने के बाद उन्हें पता चला कि सारे विधायक काफी पहले ही विधान सभा के अंदर चले गये हैं. इससे छात्रों को अपना आंदोलन समाप्त होता दिखने लगा. लेकिन छात्रों का हंगामा बढ़ने लगा. विधान सभा में मौजूद केंद्रीय पुलिस बल छात्रों पर लाठी चार्ज करने के लिए बाहर आ रहे थे. तब उन्हें रोकने के लिए वह बस को काफी तेजी से चलाते हुए विधान सभा का चक्कर लगाने लगे. ऐसा उन्होंने कई बार किया. इससे पुलिस बाहर नहीं आ पा रही थी. बाद में बस के पोल से टकरा कर रुकने के बाद ही पुलिस बाहर आ पायी थी.

बिहार रोडवेज की बस से काफी देर तक पुलिस को रोके रखाअवधेश कुमार सिंह

विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षक प्रो एनके अंबष्ट इस घटना को याद करते हुए बताते हैं कि उन्हें पहली बार जयप्रकाश नारायण को सुनने का मौका मिला था. बिहार विधान सभा पर उनके दल को जिस गेट पर प्रदर्शन की जिम्मेवारी दी गयी थी, उस गेट से राज्यपाल विधान सभा में जाते थे. जैसे ही छात्र गेट की ओर बढ़ते थे, उन पर लाठी चार्ज शुरू हो जा रहा था. देखते ही देखते फायरिंग शुरू हो गयी. सभी इधर-उधर भागने लगे. प्रो अंबष्ट बताते हैं कि उस दिन की गोली की आवाज आज भी उनके कानों में गूंजती है. वह बताते हैं कि गोली चलने के बाद छात्र तितर-बितर होने लगे. बड़ी संख्या में छात्रों को पकड़ा जाने लगा. ऐसे में वह सभी नाव की मदद से पटना से बाहर निकल गये. वहीं दूसरी ओर जैसे ही पूरे प्रदेश में छात्रों पर गोलीकांड की खबर पूरे राज्य में रेडियो के माध्यम से पहुंची, पूरे राज्य में आंदोलन शुरू हो गया. यह गोली कांड आगे चल कर संपूर्ण क्रांति का आधार साबित हुआ.

गोलीकांड के बाद पुलिस से बचने के लिए नाव से भागा थाप्रो एनके अंबष्ट

Also Read- ED Raids Dhanbad: बिहार के बालू कारोबारी पुंज सिंह के ठिकानों पर धनबाद में ईडी के छापे

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें