लखनऊ: मुजफ्फर नगर (Muzaffar Nagar News) में साथी की हत्या से शिक्षक वर्ग में आक्रोश है. नाराज शिक्षकों (Teachers Protest Today) ने राजधानी लखनऊ, मुजफ्फर नगर सहित कई जिलों में बोर्ड की कॉपी का मूल्यांकन बंद करके प्रदर्शन शुरू कर दिया है. लखनऊ में सिटी स्टेशन के पास स्थित जुबली इंटर कॉलेज में शिक्षक प्रदर्शन कर रहे हैं. मुजफ्फर नगर में भी सिविल लाइन पर सैकड़ों शिक्षक जुट गए हैं. वहां भी आरोपी हेड कांस्टेबल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है. पुलिस शिक्षकों को समझाने का प्रयास कर रही है.
परिवार को एक करोड़ रुपये की देने की मांग
उधर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (Madhyamik Shikshak Sangh) ने शिक्षक धर्मेंद्र कुमार की हत्या के बाद एक दिन मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार करने की घोषणा की है. संघ के अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी, महामंत्री नरेंद्र कुमार वर्मा, नेता शिक्षक दल ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने राज्य सरकार से मांग की है कि मृतक परिवार को तत्काल सहायता के रूप में एक करोड़ रुपये अनुग्रह राशि दी जाए. परिजन को राजकीय सेवा में लेते हुए मृतक के सेवाकाल तक पूर्ण वेतन का भुगतान और अन्य सुविधाएं भी दी जाएं.
वाराणसी के राजकीय हाईस्कूल में थे शिक्षक
गौरतलब है कि राजकीय हाईस्कूल महगांव वाराणसी के शिक्षक धर्मेंद्र कुमार अपने एक साथी शिक्षक संतोष कुमा, दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जितेंद्र मौर्य और कृष्ण प्रताप, सुरक्षा ड्यूटी में एक सब इंस्पेक्टर नागेंद्र चौहान और हेड कांस्टेबल चंद्र प्रकाश के साथ वाराणसी से यूपी बोर्ड हाईस्कूल परीक्षा की कॉपियां लेकर 14 मार्च को वाराणसी से निकले थे. रास्ते में प्रयागराज, शाहजहांपुर, पीलीभीत, मुरादाबाद, बिजनौर में कॉपियां देते हुए वो 17 मार्च की रात को मुजफ्फर नगर के एसडी इंटर कॉलेज के बाहर नशे में धुत हेड कांस्टेबल ने धर्मेंद्र कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी.
अटेवा ने की एक करोड़ रुपये अनुग्रह राशि व नौकरी की मांग
ऑल टीचर्स इम्प्लाई वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा) के प्रदेश अध्यक्ष विजय बंधु के नेतृत्व में शिक्षकों ने मुजफ्फर नगर में शिक्षक की हत्या के मामले में विरोध जताया है. सभी शिक्षकों ने एक मत से सरकार से एक करोड़ रुपये सहायता, परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग की है.