Electoral bond news : इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एसबीआई की खूब खिंचाई. कोर्ट ने कहा कि आदेश के बाद भी इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारी चुनाव आयोग से साझा क्यों नहीं की गई. कोर्ट ने बैंक से पूछा कि आखिर अल्फा न्यूमेरिक यूनिक नंबर क्यों नही आयोग के साथ साझा किए गए, जिससे दान देने वाले और उसे पाने वाले का संपर्क पता चल पाए.
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय बेंच ने एसबीआई से कहा कि वह बॉन्ड की सभी डिटेल का ब्योरा दे और इसे लेकर किसी आदेश का इंतजार न करे. इस बेंच में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआई गवई, जस्टिस जेबी पर्दीवाला और मनोज मिश्रा अन्य सदस्य हैं. बेंच ने कहा कि हमने बैंक से पहले ही कहा था कि वह इलेक्टोरल बॉन्ड के नंबर समेत पूरी जानकारी साझा करे. बता दें कि इस बारे में कोर्ट ने बैंक को 15 मार्च को ही आदेश दिया था.
इस ब्योरे में बॉन्ड का अल्फा न्यूमेरिक यूनिक नंबर सामने आना बड़ी सूचना होगी. इससे दान लेने वाले दल और उसे देने वाले व्यक्ति या संस्थान का पता चल पाएगा.
क्या है यूनिक अल्फा न्यूमेरिक नंबर
- हरेक बॉन्ड को अलग अल्फा न्यूमेरिक कोड दिया गया है. एसबीआई जब इसकी जानकारी आयोग को दे देगा तो उससे दान देने और लेने वाले का पता चल पाएगा.
- अभी जो डेटा एसबीआई ने आयोग को दिया है, उसमें दो लोगों का ब्योरा है, एक जिसने बॉन्ड खरीदा और दूसरा जिसने उसे भुनाया. लेकिन दोनों के बीच का लिंक मिसिंग है.
- इलेक्टोरल बॉन्ड के अल्फा न्यूमेरिक नंबर को अल्ट्रावायलेट लाइट में देखा जा सकता है. इसके सामने आने से बॉन्ड खरीदने वाले और उसे रीडीम कराने वाले का पता चल जाएगा.
- बेंच का कहना है कि एसबीआई को बॉन्ड से जुड़ा सारा ब्योरा देना है. इसमें अल्फा न्यूमेरिक नंबर और सीरीयल नंबर शामिल है.
- एसबीआई की ओर से पेश वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट से कहा कि अगर इलेक्टोरल बॉन्ड के नंबर देने हैं तो उन्हें आयोग को सौंप दिया जाएगा.