मनोज कुमार, पटना. राज्य की 24 नदियां सूख गयी हैं. उत्तर बिहार की 16 और दक्षिण बिहार की आठ नदियां सूख चुकी हैं. राज्य के कुल 23 जिलों में इन 24 नदियों का प्रवाह थम गया है. इन सभी नदियों की कुल लंबाई 2986 किलोमीटर है. इसमें लगभग 670 किलोमीटर एरिया में गाद भर गया है. कभी इन नदियों में लबालब पानी भरा रहता था.
सूखनेवाली नदियां
उत्तरी बिहार के समस्तीपुर व बेगूसराय में बैती, मुजफ्फरपुर में बलान, सीतामढ़ी और दरभंगा में बूढ़, पश्चिमी चंपारण में चंद्रावत (कोढ़ा सिकरहना), खगड़िया और समस्तीपुर में चान्हो, गोपालगंज और सारण में दाहा नदी सूख गयी है. वहीं, पूर्वी चंपारण में डोरवा, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में जमुआरी, रोहतास में काव, भागलपुर में खलखलिया, मुजफ्फरपुर व समस्तीपुर में लखनदेई, सारण में माही, गोपालगंज और सीवान में तेल, कटिहार और किशनगंज में रामदान (रमजान), दरभंगा व मधुबनी में पुरानी कमला तथा अररिया में नूना नदी सूख गयी है. वहीं, दक्षिण बिहार के गया में बंधिया, जहानाबाद, नालंदा व पटना में फल्गु, नालंदा में गोइठवा, गया और जहानाबाद में मोहड़ा (मोहरर), कैमूर में सुआरा, नालंदा और पटना में सकरी, नालंदा और नवादा में पंचाने तथा गया में पैमार नदी सूख गयी है.
इन नदियों में भरा है गाद
बैती नदी की लंबाई कुल सौ किमी है. इसमें 19.93 किमी में गाद भरा हुआ है. वहीं, बलान में कुल 150 किलोमीटर में 84, बूढ़ा में कुल 144 में 5.5, चंद्रावत (कोढ़ा सिकरहना) में कुल 126 में एक किमी, चान्हो में 146 में 28.5, दाहा में 148 में नौ, डोरवा में कुल 35 किलोमीटर की लंबी नदी में पांच किलोमीटर तक गाद भरा हुआ है. जमुआरी में कुल 109 में 42.5 किमी, काव में 92 में 55, खलखलिया में 101 में 8.5, लखनदेई में 128 में 17, माही में 89 में 40.6, तेल में 170 में 27, रामदान में 182 में 44, पुरानी कमला में 15.5 नूना में 145 किलोमीटर में कुल 10 किलोमीटर में गाद सफाई की योजना बनायी गयी है.
हटाया जायेगा इन नदियों का गाद
बंधिया नदी में कुल 223 किमी में 18.7, फल्गु में 250 में सात, गोइठवा में 50 में 11, मोहड़ा में 90 में 40 किलोमीटर तक गाद भरा हुआ है. सुअरा में 55 में 11, सकरी में 142 में 31, पंचाने में 130 में 25.72 तथा पैमार में 77 किलोमीटर में 38.67 किलोमीटर में गाद सफाई की योजना बनायी गयी है.
सूखी नदियों की ऐसे हुई शिनाख्त
मनरेगा की ओर से जीआइएस का प्रयोग किया गया. इसमें प्रारंभिक स्तर के अध्ययन में पाया गया कि राज्य की 24 नदियों को पुनर्जीवित व जीर्णेद्धार करने की आवश्यकता है. इसे लेकर मनरेगा आयुक्त ने राज्य के सभी डीडीसी को पत्र भेजकर इन नदियों का भौतिक सत्यापन कराने का निर्देश दिया है. इसे किस तरह पुनर्जीवित किया जाये, इसे लेकर प्लान बनाया जायेगा. जरूरत पड़ने पर तकनीकी सहायता उपलब्ध करायी जायेगी. इसकी जानकारी पत्र के माध्यम से राज्य के सभी डीएम और मनरेगा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को भी दी गयी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
जीआइएस का उपयोग से प्रारंभिक स्तर पर 24 नदियों को पुनर्जीवित करने और जीर्णोद्धार की संभावना दिखी है. इसका भौतिक सत्यापन कराने का आदेश राज्य के सभी डीडीसी को भेजा गया है. इन नदियों में पुनर्जीवन का प्लान बनाया जायेगा.
संजय कुमार, आयुक्त, मनरेगा