रांची: डीएसपी प्रमोद मिश्रा मंगलवार को ईडी कार्यालय में तकरीबन सुबह 11 बजे उनके सवालों के जवाब देने के लिए उपस्थित हुए. अवैध खनन के सिलसिले में आज उनसे पूछताछ होनी है. प्रवर्तन निदेशालय ने डीएसपी प्रमोद मिश्रा को समन भेज कर 19 मार्च को रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में हाजिर होने का निर्देश दिया था. उन्होंने साहिबगंज में अपने पदस्थापन के दौरान उन्होंने बरहरवा टोल विवाद को लेकर दर्ज प्राथमिकी का सुपरविजन 24 घंटे के अंदर कर पंकज मिश्रा और आलमगीर आलम को निर्दोष करार दिया था. टोल विवाद को लेकर दर्ज प्राथमिकी के जांच अधिकारी पूछताछ के दौरान ईडी के समक्ष यह स्वीकार कर चुके हैं कि जांच निष्पक्ष तरीके से नहीं हुई.
डीएसपी प्रमोद मिश्रा से पहले भी हो चुकी है पूछताछ
बता दें कि प्रमोद मिश्रा से इससे पहले भी पूछताछ हो चुकी है. उन पर पंकज मिश्रा से न्यायिक हिरासत की अवधि में गलत तरीके से मिलने का भी आरोप है. प्रमोद मिश्रा ने ईडी के समन को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती भी दे चुके हैं. उन्होंने याचकिा दायर कर कहा था कि पुलिस के कार्य में इडी को हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है. उनका कहना था कि संविधान के अनुसार विधि-व्यवस्था राज्य का विषय है. इसमें ईडी को हस्तक्षेप कहीं से भी संवैधानिक नहीं है.
ईडी ने प्रमोद मिश्रा की संपत्ति का मांगा था ब्योरा
डीएसपी प्रमोद मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने अवैध खनन मामले में जेल में बंद पंकज मिश्रा को 24 घंटे में क्लीन चिट दे दिया था. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य सरकार से डीएसपी प्रमोद मिश्रा की संपत्ति का ब्योरा मांगा था. इसे लेकर ईडी ने आइजी एचआर को पत्र लिखा था. इसके लिए दारोगा राम हरिश निराला व उनके रिश्तेदार अंकुश राजहंस के बीच हुई बातचीत के वायरल वीडियो को आधार बनाया गया था. वीडियो में निराला ने दावा किया था कि पंकज मिश्रा के लिए प्रमोद मिश्रा ट्रकों से वसूली करते थे.