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हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे चिराग पासवान, जानें कब होगा चार सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर फैसला

लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने हाजीपुर से अपनी उम्मीदवारी का एलान कर दिया है. उन्होंने दिल्ली में पार्टी पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद अपने नाम की घोषणा की. शेष चार सीटों पर भी जल्द ही उम्मीदवार तय कर लेने की उन्होंने बात कही है.

पटना. लोजपा रामविलास के मुखिया चिराग पासवान बिहार की हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. लोजपा रामविलास ने एक सीट पर अपना कैंडिडेट तय कर लिया है. हालांकि अन्य चार सीटों पर अभी उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की गई है. पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बुधवार को दिल्ली में हुई बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि वो अपने पिता की परंपरागत हाजीपुर सीट से ही चुनाव लड़ने जा रहे हैं.एक-दो दिनों में अन्य सीटों पर भी प्रत्याशियों का एलान कर दिया जाएगा.

पार्टी से अलग होने का फैसला उनका था

चचेरे भाई प्रिंस राज की सीट के सवाल पर चिराग पासवान ने कहा कि मेरे लिए ये राजनीतिक विषय नहीं है, बल्कि पारिवारिक विषय भी है. ये ऐसे फैसले हैं जो राजनीतिक दृष्टि से पार्टी को और पारिवारिक दृष्टि से परिवार को लेना है. ये वो फैसले हैं जिसमें तकलीफ मेरी मां को, बहनों को,भाइयों, बुआ सबको होती है. पार्टी परिवार से अलग होने का फैसला तब भी उन्हीं (प्रिंस राज) का था और आज वापस जुड़ना चाहते हैं तो भी उन्हीं का फैसला होगा.

क्या वो रास्ते का रोड़ा बनेंगे

चाचा पशुपति पारस को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि वे एनडीए के साथ रहेंगे या नहीं यह फैसला उन्हें लेना है. उन्हें तय करना है कि वह पीएम नरेंद्र मोदी के 400 पार सीटें हासिल करने की राह में रोड़ा बनेंगे या नहीं. क्योंकि पशुपति पारस ने कहा था कि वह आखिरी सांस तक पीएम मोदी के साथ रहेंगे. चिराग ने कहा कि अगर चाचा हाजीपुर से उनके खिलाफ चुनाव लड़ते हैं तो वह हर चुनौती से लड़ने के लिए तैयार हैं.

रामविलास पासवान हाजीपुर सीट से 9 बार सांसद रहे

चिराग पासवान के पिता दिवंगत रामविलास पासवान हाजीपुर सीट से 9 बार सांसद रहे. 1977 के चुनाव में रामविलास पासवान ने जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. उस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को सवा चार लाख वोटों के अंतर से हरा दिया था. ये पहली बार था जब किसी नेता ने इतनी बड़ी जीत हासिल की थी. ये जीत इतनी बड़ी थी कि उनका नाम गिनीज बुक में भी दर्ज किया गया. 1984 और 2009 का चुनाव छोड़कर वो बाकी सभी चुनावों में यहां से जीते. वो यहां से 9 बार सांसद रहे. आखिरी बार रामविलास पासवान ने 2014 में यहां से लोकसभा चुनाव लड़ा. इसके बाद वो राज्यसभा में चले गए. 2019 में उनके छोटे भाई पशुपति पारस यहां से सांसद बने.

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चिराग पासवान के खाते में आईं ये 5 सीटें

एनडीए में चिराग पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 5 सीटें मिली हैं. उनमें वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई शामिल हैं. फिलहाल इन पांचों सीटों से पशुपति पारस की पार्टी के नेता सांसद हैं. दरअसल रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा में फूट पड़ गई थी. पार्टी में फूट पड़ने के बाद लोजपा के दो गुट हो गए, जिनमें एक गुट के मुखिया पशुपति पारस हैं और दूसरे गुट के मुखिया चिराग पासवान हैं. चिराग पासवान फिलहाल खुद जमुई से सांसद हैं. वहीं लोजपा के अन्य सांसदों की बात करें तो हाजीपुर सीट से पशुपति पारस, खगड़िया से महबूब अली कैसर, वैशाली से वीना देवी और समस्तीपुर से प्रिंस राज राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद हैं.

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