पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और उनकी जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) का बुधवार को कांग्रेस में विलय हो गया. दिल्ली में आयोजित समारोह में उन्होंने बिहार प्रदेश कांग्रेस प्रभारी मोहन प्रकाश और राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेडा की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल होने और पार्टी के विलय करने की घोषणा की. पप्पू यादव के साथ उनके पुत्र सार्थक यादव ने भी कांग्रेस की सदस्यता ली.
पप्पू यादव ने 36 साल में जीते 6 चुनाव
पप्पू यादव ने अपने 36 साल के राजनीतिक करियर में पहली बार 1990 में विधानसभा का चुनाव जीता. इसके बाद से अब तक वो एक बार विधायक और 5 बार सांसद रह चुके हैं. पप्पू यादव एक बार निर्दलीय विधायक और तीन बार निर्दलीय सांसद बने. उन्होंने 2015 में राजद से अलग होकर अपने पार्टी बनाई थी. करीब 9 साल उनकी पार्टी अस्तित्व में रही, लेकिन एक भी विधानसभा या लोकसभा चुनाव में उन्हें जीत हासिल नहीं हुई.
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क्या बोले पप्पू यादव
कांग्रेस में पार्टी का विलय होने के दौरान पप्पू यादव ने कहा कि उनकी विचारधारा हमेशा कांग्रेस के आइडियोलॉजील के साथ रही है. उन्होंने कहा कि उनकी राजनीति की नीव पूरी तरह से सेकुलर रही है. कभी किसी जाति, धर्म और समुदाय पर हमला नहीं किया. हर हाल में दूसरे के विचारों का सम्मान किया है.
पार्टी कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न
दिल्ली में कांग्रेस के साथ विलय के बाद बिहार में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया. इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रेमचंद सिंह और राजेश रंजन पप्पू ने कहा कि पप्पू यादव के नेतृत्व में पार्टी को विलय करने का यह निर्णय देश और संविधान हित में लिया गया है. पप्पू यादव जी और उनके लाखों समर्थक कांग्रेस की विचारधारा के साथ चलने को सहज है. उन्होंने कहा कि पार्टी के मर्जर के बाद तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं में उल्लास का माहौल है.
आज का यह दिन सभी नेता एवं कार्यकर्ताओं के लिए ऐतिहासिक है. उन्होंने कहा कि इससे पहले महागठबंधन के बड़े नेता लालू प्रसाद के आशीर्वाद और नेता विपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात के बाद ऐतिहासिक फैसला लिया गया है. कोसी और सीमांचल से बीजेपी की हार सुनिश्चित होगी.