झारखंड में इस साल Revamped Distribution Sector Scheme (RDSS) रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत बिजली सुधार पर काम होगा. इसके तहत एलटी वायर को एलटी-एवी केबल में बदला जायेगा. इसके लिए प्रशासनिक स्वीकृति मिल गयी है. इस साल के अंत तक काम शुरू हो जायेगा.
शहर के गली-मोहल्लों में करीब 3500 किलोमीटर लो टेंशन वायर को एलटी-एवी केबल में बदला जायेगा. राजधानी में करीब 470 किलोमीटर बिजली के अंडरग्राउंड एरियल बंच केबल (कवर्ड तारों) का जाल बिछा है. जसबे-टू के तहत करीब 5000 किलोमीटर 11 हजार और 440 वोल्ट के खुले तारों को भूमिगत और कवर्ड करने की योजना है. भारत सरकार ने तकनीकी रूप से उन्नत करने, बिजली की क्षति रोकने और घाटा कम करने के लिए यह योजना शुरू की है. आरडीएसएस के तहत राष्ट्रीय स्तर पर 20.46 करोड़ प्रीपेड स्मार्ट मीटर (झारखंड में 3.5 लाख स्मार्ट मीटर) को मंजूरी दी गयी है. अगले कुछ सालों में इसे पूरा किया जाना है.
Revamped Distribution Sector Scheme (RDSS): तीन बड़ी योजनाओं पर भी होगा काम
- 33 केवीए हटिया-राजभवन
- 33 केवीए हटिया-तुपुदाना व
- 33 केवीए नामकुम-टाटीसिलवे
जसबे अर्बन वन स्कीम
राजधानी में झारखंड शहरी संपूर्ण विद्युत आच्छादन योजना (जसबे-वन) के तहत 2014 से बड़े पैमाने पर अंडरग्राउंड केबलिंग का काम पूरा किया जा रहा है. उस वक्त चुनिंदा इलाकों में मेसर्स पॉलिकैब ने 120 किलोमीटर तारों को अंडरग्राउंड किया था.
जसबे अर्बन टू स्कीम
आरएपीडीआरपी (जसबे-टू) के तहत तकरीबन 350 किलोमीटर 33 केवी तारों को यूजी केबल में बदला गया है. मेसर्स केइआइ कंपनी पूरे शहर में 260 किलोमीटर हाइटेंशन तारों (इनकमिंग 33 केवी और 11 केवी आउटगोइंग) को अंडरग्राउंड कर चुकी है. केबल बिछाने की पूरी योजना पर 364.28 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.