साहिबगंज जिले में 371 स्टोन क्रशर यूनिट हैं. इनमें से केवल 157 के पास ही वैध कंसेंट टू ऑपरेट(सीटीओ) है. शेष 214 अवैध हैं. 203 डिफाल्ट यूनिट पर झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद(जेएसपीसीबी) ने पर्यावरण उल्लंघन को लेकर 101.26 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. मार्च 2024 तक इनमें से केवल छह कंपनियों ने ही 1.36 करोड़ रुपये जुर्माना भरा है. यह जानकारी जेएसपीसीबी ने एनजीटी को दिये गये शपथपत्र में दी है.शपथपत्र में कहा गया है कि 241 अवैध यूनिट नोटिस के बाद बंद हैं. इनमें से 41 यूनिट को बंद करने के लिए क्लोजर नोटिस भी दिया गया है. जेएसपीसीबी ने बताया है कि 38 यूनिट को प्रदूषण रोकने के लिए बैग हाउस के निर्माण का निर्देश दिया गया था. इनमें से 27 ने बैग हाउस का निर्माण कराया. जिन 11 यूनिट ने बैग हाउस का निर्माण नहीं कराया है, उनमें तीन यूनिट को ध्वस्त कर दिया गया है. वहीं, आठ यूनिट बंद हैं. जेएसपीसीबी द्वारा बताया गया कि कुछ कंपनियों ने जुर्माने की रकम में संशोधन की मांग की थी. इसके बाद 84 से अधिक कंपनियों को दोबारा नोटिस भेजकर जुर्माने की रकम जमा करने का निर्देश दिया गया है.
134 स्टोन माइंस में 49 बिना लाइसेंस के
जेएसपीसीबी ने यह भी बताया है कि जिले में 134 स्टोन माइंस हैं. इसमें 49 के बास सीटीओ नहीं है, उन्हें बंद कराया दिया गया है. वहीं, 85 के पास सीटीओ हैं. इसमें भी चार को बंद करने का निर्णय बोर्ड द्वारा लिया गया है. वहीं, 23 स्टोन माइंस ऐसे हैं, जिनका क्रशर भी है. इनमें 12 के पास सीटीओ नहीं है, जो बंद हैं. इनमें भी पांच को बोर्ड द्वारा क्लोजर डायरेक्शन दिया गया है.
एनजीटी ने मार्च 2023 में दिया था कार्रवाई का निर्देश
एनजीटी ने मार्च 2023 में साहिबगंज में अवैध क्रशर व स्टोन माइंस के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया था. इस मामले में जेएसपीसीबी ने पूर्व में शपथ पत्र दायर कर कहा था कि अवैध यूनिट के खिलाफ जुर्माना लगाकर बंद करने का निर्देश दिया गया है. वहीं, इस मामले में इडी को शपथपत्र दायर करने का निर्देश दिया गया था. बताया गया कि इडी ने एनजीटी के पास शपथपत्र दायर किया है. सामाजिक कार्यकर्ता सैयद अरशद नसर ने राजमहल पहाड़ियों के गायब होने व अवैध रूप से संचालित स्टोन माइंस तथा क्रशर को बंद करने की याचिका एनजीटी कोलकाता में दायर की है. इस मामले में सुनवाई चल रही है. अगली सुनवाई मई में होनी है.