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चुटिया श्रीराम मंदिर में 340 वर्ष पुरानी है होली मनाने की परंपरा

होली के दिन फगडोल जतरा यानी भगवान के विग्रहों की झांकी निकाली जाती है.

रांची.

राजधानी रांची में नागवंशी राजाओं के काल से पारंपरिक होली मनायी जा रही है. चुटिया श्रीराम मंदिर में होली मनाने की परंपरा करीब 340 वर्ष पुरानी है. फग डोल जतरा मेला समिति के मुख्य संरक्षक विजय कुमार साहू ने बताया कि नागवंशी राजाओं ने 1685 में चुटिया स्थित श्रीराम मंदिर से फगडोल जतरा (झांकी) निकालने की परंपरा शुरू की.

उन्होंने बताया कि होली के दिन फगडोल जतरा यानी भगवान के विग्रहों की झांकी निकाली जाती है. जबकि, होली के दो दिन पूर्व से ही अनुष्ठान शुरू कर दिये जाते हैं. सबसे पहले चुटिया में होलिका दहन होता है. उसके अगले दिन शहर के बाकी जगहों पर होलिका जलायी जायेगी. इस वर्ष 23 मार्च को रात 10 बजे मुख्य पाहन फगुआ काटने की परंपरा पूरी करेंगे. इससे पूर्व शाम 07:30 बजे से फगुआ गीतों का अनुष्ठान शुरू हो जायेगा. इस दौरान पाहन अरंडी की टहनी की पूजा कर होलिका में चढ़ायेंगे. इसके बाद बिना पीछे देखे आगे बढ़ेंगे. इससे पूर्व मंदिर के मुख्य पुजारी पूजा और आरती की विधि करेंगे.

फगडोल जतरा मेला 26 को :

चुटिया जतरा मैदान में पारंपरिक फगडोल जतरा मेला 26 को लगेगा. चुटिया में 26 मार्च को होली के दिन पारंपरिक फगुआ होली खेली जायेगी. वृंदावन की तर्ज पर रंगोत्सव मनेगा. जतरा मैदान में सुबह से दोपहर एक बजे तक लीला रंग खेला जायेगा. इस दिन श्री राम मंदिर से भगवान श्रीराम, लखन और माता जानकी डोली में नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे. चुटिया राम मंदिर से दोपहर दो बजे महादेव मंडा लोअर चुटिया मंदिर तक यात्रा निकाली जायेगी. प्राचीन राम मंदिर का मुख्य डोल जतरा चुटिया के तीन अन्य मंदिरों का भ्रमण करेंगे. मुख्य डोल जतरा अपर चुटिया स्थित जतरा मैदान में रखा जायेगा. डोल जतरा मैदान में शाम को मेला लगेगा. इस दौरान लोग एक-दूसरे को अबीर व गुलाल लगायेंगे.

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