रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य और कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि देश में इमरजेंसी जैसे हालात हैं. तानाशाही की स्थिति बनी हुई है. इससे लोग परेशान हैं. चुनाव में जनता केंद्र सरकार को जवाब देगी. झामुमो कार्यालय में दोनों नेता संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे. इस दौरान सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कांग्रेस के बंधु तिर्की पार्टी में शामिल हो रहे हैं. बंधु तिर्की लोहरदगा से गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार भी होंगे. श्री भट्टाचार्य ने उन्हें झामुमो का पट्टा पहनाकर कहा कि परिवार में इनका स्वागत है. यह सुन मीडियाकर्मी हैरत में पड़ गये. तब श्री भट्टाचार्य ने कहा कि बुरा न मानो होली है.
बीजेपी पर साधा निशाना
बंधु तिर्की ने कहा कि हेमंत सोरेन को त्याग पत्र देना पड़ा. इसी तरह की घटना दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के साथ हुई, पर 2024 के चुनाव के बाद जब केंद्र में हमारी सरकार बनेगी तो इनके कितने लोग जेल जायेंगे, यह समझने की जरूरत है. ऐसे देश नहीं चलता है. झारखंड में बीजेपी को जनता औकात बता देगी.
देश के लोकतंत्र पर हमला है
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पीएमएलए का उपयोग ईडी करती है. उसका मूल स्पिरिट है प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉउंड्रिंग, इसके क्लाउज 15 में कहा गया है कि राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस व राज्यपाल को छोड़ कर इडी किसी को गिरफ्तार कर सकती है. हेमंत सोरेन को जिस 8.5 एकड़ जमीन में फंसाया गया है और जेल भेजा गया है, उसमें पैसे की कहीं लेन-देन भी नहीं है. उसी तरह शराब घोटाला के 300 करोड़ का मनी ट्रेल कहा जा रहा है. लेकिन कहीं पैसा पकड़ा ही नहीं गया है. जिस अरविंदो फार्मा के समय शराब नीति बनी रही थी, उसी दौरान उसने इलेक्टोरल बांड खरीदा था और भाजपा को दिया था. वहीं कांग्रेस के खाते 30 साल पुराने मामले में सील कर दिया गया. जबकि फाइन केवल 10 हजार रुपये ही बनाता है. यह हमला देश के लोकतंत्र पर है. राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट को इसमें संज्ञान लेकर चुनाव आयोग को निर्देश देना चाहिए.
आशंका है कि केंद्रीय बल कार्यालय में हमला न कर दे
श्री भट्टाचार्य ने आशंका व्यक्त की है कि जो हालात बन रहे हैं इसमें आशंका है कि सीआरपीएफ, एसएसबी जैसे केंद्रीय बल कहीं हमारे कार्यालय पर हमला बोल कर ध्वस्त न कर दे. वर्तमान में ये केवल केजरीवाल, सोरेन या कांग्रेस पर ही नहीं, बल्कि पूरे देश पर केंद्र ने हमला किया है. चुनाव आयोग राज्य के डीजीपी को तो बदल देता है, पर केंद्रीय बलों, इडी, सीबीआइ के हेड को क्यों नहीं बदलता, क्या ये पुलिसिंग में नहीं आते.