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भारत में जलवायु शिक्षा पर पहली बार मतदान करने वालों की धारणा पर सर्वेक्षण, जानें क्या बोले वोटर?

जलवायु परिवर्तन का मुद्दा पश्चिम बंगाल में फर्स्ट टाइम वोटर्स के लिए राजनीतिक उम्मीदवारों या पार्टियों की पसंद को प्रभावित करेगा.

नवीनतम सर्वेक्षण के अनुसार, जलवायु परिवर्तन का मुद्दा पश्चिम बंगाल में फर्स्ट टाइम वोटर्स के लिए राजनीतिक उम्मीदवारों या पार्टियों की पसंद को प्रभावित करेगा. लोकसभा चुनाव से पहले मतदाताओं ने मांग की कि उम्मीदवारों के पास बुनियादी पर्यावरण संबंधी ज्ञान हो. वे अपने चुनावी एजेंडे में जलवायु मुद्दों को शामिल करें और मुख्य पर्यावरणीय चिंताओं का समाधान करें.

यह निष्कर्ष असर सोशल इम्पैक्ट एडवाइजर्स, क्लाइमेट एजुकेटर्स नेटवर्क और सीएमएसआर कंसल्टेंट्स द्वारा किये गये सर्वेक्षण ‘भारत में जलवायु शिक्षा पर पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं की धारणा’ में निकल कर सामने आया है.

युवा मतदाता और जलवायु परिवर्तन : नीति और शिक्षा के लिए निहितार्थ

इस सर्वेक्षण को साझा करने के लिए एवं कोलकाता में युवाओं के साथ जुड़ने और इसके इर्द-गिर्द एक संवाद बनाने के लिए अर्थ डे नेटवर्क और स्विचऑन फाउंडेशन की साझेदारी में ‘युवा मतदाता और जलवायु परिवर्तन : नीति और शिक्षा के लिए निहितार्थ’ पर एक सत्र आयोजित किया गया.

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सर्वेक्षण में महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के सात शहरों के कुल 1600 पहली बार मतदान करने वालों ने भाग लिया. यह सर्वेक्षण पश्चिम बंगाल के कोलकाता और आसनसोल में किया गया था.

पहली बार के मतदाताओं का इस विषय पर रहा फोकस

फर्स्ट टाइम वोटरों ने आगे बताया कि टिकाऊ परिवहन बुनियादी ढांचे (86.7%) को बढ़ाने के बाद जलवायु शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम (85.3%) जलवायु संकट से निपटने के लिए दूसरी सबसे प्रभावी रणनीति बनकर उभरे हैं. शोध का उद्देश्य पहली बार मतदाताओं के बीच जलवायु शिक्षा के संबंध में जागरूकता, महत्व, संतुष्टि स्तर और अपेक्षाओं का आकलन करना था.

इस संबंध में, 79.8 प्रतिशत वोटरों ने पुष्टि की कि उन्हें शिक्षा के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के कारणों और परिणामों के बारे में पर्याप्त जानकारी प्राप्त हुई है. हालांकि फोकस ग्रुप चर्चा के दौरान उन्होंने अधूरी शिक्षा, जलवायु शिक्षा के लिए महत्व की कमी, सीमित कवरेज और जलवायु परिवर्तन पर स्कूल और कॉलेज शिक्षा के बीच अंतर के बारे में चिंताओं का खुलासा किया.

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स्कूलों में पर्यावरण शिक्षा जल्दी शुरू करने पर जोर

पश्चिम बंगाल में 88 प्रतिशत फर्स्ट टाइम वोटरों ने बताया कि उन्होंने जलवायु परिवर्तन के ज्ञान को दैनिक जीवन में एकीकृत किया है. सकारात्मक तथ्य यह है कि पहली बार के 65.8 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि सीखने की प्रणालियों में जलवायु शिक्षा को शामिल करना बेहद महत्वपूर्ण है और छात्रों को भविष्य के निर्णय लेने वालों के रूप में सशक्त बनाने और जलवायु परिवर्तन की गहरी समझ और जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों में पर्यावरण शिक्षा जल्दी शुरू करने पर जोर दिया गया.

जलवायु शिक्षा कल की स्थिरता की आधारशिला

इस बात पर जोर देते हुए कि युवाओं के लिए जलवायु शिक्षा कल की स्थिरता की आधारशिला है, स्विचऑन फाउंडेशन की सीनियर प्रोग्राम मैनेजर रंजीता भट्टाचार्य ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की जटिलताओं को समझकर, युवा व्यक्ति स्थायी समाधानों के मूल्यांकन और वकालत के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण सोच कौशल और ज्ञान से लैस होंगे.

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