India-China Border Row: अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन अपने बयानों से बाज नहीं आ रहा है. भारत की दो टूक के बाद भी ड्रैगन लगातर अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा कर रहा है. इसी कड़ी में चीन ने सोमवार को एक बार फिर दावा किया कि अरुणाचल प्रदेश उसका हिस्सा है. हालांकि चीन की ओर से आये बयान के बाद भारत से बीजिंग के दावे को बेतुका और हास्यास्पद बताकर खारिज कर दिया.
चीनी प्रवक्ता ने दिया बयान
आज यानी सोमवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की हालिया टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे को दोहराया. गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा जताया है. इससे पहले भी वो कई बार अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा बता चुका है. हालांकि भारत ने हर बार उसके दावे को खारिज किया है.
चीन के दावे शुरू से बेतुके- एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सिंगापुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित दक्षिण एशियाई अध्ययन संस्थान में अपने व्याख्यान देने के दौरान अरुणाचल प्रदेश के मुद्दे से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि यह कोई नया मुद्दा नहीं है. उन्होंने कहा कि चीन ने दावा किया है और उसे ही आगे बढ़ाया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ये दावे शुरू में भी बेतुके थे और आज भी ये बेतुके ही हैं. अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग हैं. जयशंकर ने कहा कि मुझे लगता है कि हम इस पर बेहद स्पष्ट रहे हैं और हमारा एकसमान रुख रहा है.
चौथी बार चीन ने किया दावा
वहीं जयशंकर की टिप्पणियों पर सरकारी मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए लिन ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा मुद्दे पर कभी सहमति नहीं बनी है. लिन ने दावा किया कि जंगनान (अरुणाचल प्रदेश के लिए चीन का आधिकारिक नाम) भारत द्वारा अवैध रूप से कब्जा करने से पहले चीन का हिस्सा था. उन्होंने कहा कि चीन का हमेशा से इस क्षेत्र पर प्रभावी प्रशासन रहा है. प्रवक्ता ने दावा किया कि भारत ने 1987 में अवैध रूप से कब्जे वाले क्षेत्र पर तथाकथित अरुणाचल प्रदेश का निर्माण किया. इस महीने यह चौथी बार है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा जताया है. भाषा इनपुट के साथ