नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल(NAAC) ने दयानंद सागर यूनिवर्सिटी(DSU) को ए प्लस एक्रेडिटेशन दे दिया है. डीएसयू दक्षिण भारत का एकमात्र और पहला विश्वविद्यालय बन गया है, जिसे यह विशिष्टता प्राप्त हुई है. इससे बेंगलुरु और कर्नाटक का नाम रोशन हुआ है. प्रो चांसलर डॉ डी प्रेमचंद्र सागर ने इस सफलता पर संतोष व्यक्त किया और आभार जताया. उन्होंने कहा कि डीएसयू अपने विद्यार्थियों को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. एक्रेडिटेशन से डीएसयू शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी संस्थान बनने में मदद मिलेगी.
दयानंद सागर इंस्टीट्यूशंस स्थापना
दयानंद सागर इंस्टीट्यूशंस (DSI) की स्थापना 1960 के दशक में स्वर्गीय श्री आर.दयानंद सागर द्वारा की गई थी, जो आज के छात्रों को कल के जिम्मेदार नागरिकों और पेशेवर नेताओं में बदलने के लिए शिक्षा के साथ लोगों को जागरूक करने के लिए प्रतिबद्ध थे. डीएसआई इस विरासत पर बनाया गया है और गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा की जरूरतों को पूरा करते हुए अपने स्वयं के मील के पत्थर से प्रेरित है. डीएसआई आज शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी है. यह भारत का पहला वाई-फाई सक्षम परिसर है. डीएसआई भारत की सिलिकॉन वैली, बैंगलोर में महात्मा गांधी विद्या पीठ ट्रस्ट के तत्वावधान में संचालित होता है.
कब हुई दयानंद सागर प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज की स्थापना
दयानंद सागर प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज (DSPUC), जिसकी स्थापना 1963 में स्वर्गीय श्री आर. दयानंद सागर ने की थी, बैंगलोर के प्रमुख संस्थानों में से एक है. डीएसपीयूसी लगभग छह दशकों से पीयू के छात्रों को उनके चुने हुए करियर में कदम रखने के लिए तैयार कर रहा है. यह प्रतिष्ठित संस्थान सक्षमता, करुणा और चिंता के साथ शिक्षा प्रदान करने के लिए आत्मविश्वास और विशेषज्ञता पैदा करने का प्रतीक रहा है. इस संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष का दृष्टिकोण एक शैक्षणिक वातावरण बनाना था जो छात्रों का मार्गदर्शन करेगा और पीढ़ियों को वैश्विक मांगों को पूरा करने के लिए तैयार करेगा.
यह कॉलेज 30 एकड़ के स्वास्थ्यप्रद वातावरण में स्थित है. परिसर में विभिन्न धाराओं में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के अवसर हैं. डीएसआई का उद्देश्य शिक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना है. स्मार्ट क्लासरूम डीएसपीयू कॉलेज की एक अनूठी विशेषता है, जो शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया की गुणवत्ता को बढ़ाती है. दो साल के पीयूसी कार्यक्रम के दौरान छात्रों का मार्गदर्शन और निगरानी लगातार होती रहती है. समग्र विकास के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान करना इस संस्था का निश्चित उद्देश्य रहा है.