झारखंड में 4 चरणों में लोकसभा के चुनाव होंगे. पहले चरण की वोटिंग 13 मई को होगी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकसभा की 14 में से 11 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. वहीं, कांग्रेस पार्टी ने अब तक 3 उम्मीदवार ही तय किए हैं. रांची से सुबोधकांत सहाय के कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने पर संशय बरकरार है. रांची से टिकट पाने के लिए कई नेता दिल्ली में लॉबिंग कर रहे हैं.
दिल्ली में लॉबिंग कर रहे हैं सीनियर कांग्रेस लीडर सुबोधकांत सहाय
रांची लोकसभा सीट से कई बार सांसद रह चुके सुबोधकांत सहाय खुद नई दिल्ली में मौजूद हैं. उनके साथ कई और कांग्रेस के सीनियर लीडर दिल्ली में आलाकमान से लगातार बातचीत कर रहे हैं. कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि इस बार कांग्रेस पार्टी किसी महतो पर दांव लगाना चाहती है. इसलिए कुड़मी समाज के नेता को रांची से लोकसभा का टिकट देने की तैयारी है.
महतो उम्मीदवार के भरोसे रांची की नैया पार लगाना चाहती है कांग्रेस
कांग्रेस का मानना है कि अगर रांची लोकसभा सीट पर किसी महतो को पार्टी टिकट देती है, तो यहां जीत सुनिश्चित करना आसान हो जाएगा. कई महतो नेता कांग्रेस के संपर्क में हैं. इसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर कई बार चुनाव जीतने वाले रामटहल चौधरी भी शामिल हैं. रांची विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार रह चुके अमर चौधरी भी कांग्रेस के संपर्क में हैं. ये दोनों नेता दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं.
उम्मीदवारों के चयन पर दिल्ली में चल रहा है कांग्रेस का मंथन
बता दें कि कांग्रेस पार्टी झारखंड समेत देश के अन्य राज्यों में लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों के चयन पर मंथन कर रही है. बुधवार (27 मार्च) को चर्चा थी कि रांची समेत 4 सीटों के उम्मीदवार तय हो गए हैं. लेकिन, जब पार्टी ने उम्मीदवारों की घोषणा की, तो उसमें सिर्फ 3 लोगों के ही नाम थे.
झारखंड के 3 उम्मीदवार कांग्रेस ने कर लिए हैं तय, रांची पर संशय
कांग्रेस ने बुधवार की रात को 4 राज्यों की 14 सीटों के उम्मीदवार तय किए थे. इसमें झारखंड के 3 उम्मीदवार खूंटी से कालीचरण मुंडा, लोहरदगा से सुखदेव भगत और हजारीबाग से जयप्रकाश भाई पटेल को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है. चर्चा थी कि रांची से सुबोधकांत सहाय का टिकट पक्का हो गया है, लेकिन लिस्ट में उनका नाम नहीं था. सुबोधकांत सहाय ने टिकट के लिए पूरा जोर लगा दिया है और वह दिल्ली में ही मौजूद हैं.
पार्टी के अंदरूनी सर्वे में कमजोर है सुबोधकांत सहाय की स्थिति
कांग्रेस के विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि पार्टी ने जो अंदरूनी सर्वे कराया है, उसमें बताया गया है कि सुबोधकांत की स्थिति ठीक नहीं है. इसलिए पार्टी ने महतो उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. ऐसे में रामटहल चौधरी और अमर चौधरी समेत कई ऐसे महतो नेता हैं, जो दिल्ली में कांग्रेस के संपर्क में हैं. गुरुवार (28 मार्च) की शाम तक रांची लोकसभा सीट पर उम्मीदवार का फैसला हो सकता है.
रांची से कई बार जीते सुबोधकांत सहाय, केंद्र में मंत्री भी बने
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि सुबोधकांत सहाय ने रांची लोकसभा सीट पर कई बार जीत दर्ज की है. वह केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं. रामटहल चौधरी और सुबोधकांत सहाय परंपरागत प्रतिद्वंद्वी रहे हैं, लेकिन वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने रामटहल चौधरी को किनारे करते हुए संजय सेठ को अपना उम्मीदवार बनाया था.
रांची में सुबोधकांत या रामटहल चौधरी?
सेठ के खिलाफ सुबोधकांत सहाय ने चुनाव लड़ा था. तब रामटहल चौधरी बागी हो गए. रामटहल चौधरी ने जीत के तमाम दावे किए, लेकिन वह अपनी जमानत बचाने में भी कामयाब नहीं हो पाए. संजय सेठ रांची के सांसद चुने गए. भाजपा ने एक बार फिर संजय सेठ को अपना उम्मीदवार बनाया है. अब देखना है कि रांची लोकसभा सीट से रामटहल चौधरी कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ते हैं या सुबोधकांत सहाय एक बार फिर टिकट हासिल करने में कामयाब हो जाते हैं.