स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की सख्ती से शुरू हुई प्रशासनिक मॉनिटरिंग इन दिनों फिर ठंडा पड़ गया है. पिछले महीने जितनी तीव्र गति से प्रोजेक्ट वर्क की मॉनिटरिंग डीएम से लेकर प्रधान सचिव के स्तर से शुरू हुआ था, उतनी ही तेजी से इस पर ब्रेक लगता दिख रहा है. 31 मार्च तक अधिकतर प्रोजेक्ट के पूरा करने का डेडलाइन तय है. लेकिन, जिस रफ्तार से काम की गति है. तय समय-सीमा पर पूरा होना मुश्किल है.
हालांकि, तीव्र गति से हुई प्रशासनिक मॉनिटरिंग का असर कलेक्ट्रेट, कमिश्नरी से सटे इलाके में देखने को मिला है. सालों से लंबित अधूरे कार्य को स्मार्ट सिटी की एजेंसियों ने तेजी से पूरा कर दिया है, जो शेष बचे है, उसे दिन-रात काम कर एजेंसी पूरा करने में जुटी है. बाकी हिस्से की स्थिति पहले की तरह ही बदतर बनी हुई है. सबसे दिलचस्प पहलू है कि कमिश्नरी से ढाई से तीन सौ मीटर की दूरी पर स्थित सरैयागंज टावर चौक व इससे जुड़े सिकंदरपुर, अखाड़ाघाट एवं पंकज मार्केट सूतापट्टी रोड की स्थिति नारकीय बनी है. गड्ढे में तब्दील रोड पर धूल इतना ज्यादा उड़ रहा है कि रास्ते से सुरक्षित गुजरना लोगों के लिए मुश्किल हो गया है. आसपास के दुकानदारों व पब्लिक का हाल तो पूछने लायक नहीं है. करीब ढाई से तीन महीने से नाला व सिवरेज के नाम पर गड्ढे की खुदाई कर वैसे ही छोड़ दिया गया है.
नाला बना लेकिन निकासी नहीं, मोहल्ले में जलजमाव
एमआईटी स्पाइनल रोड प्रोजेक्ट के तहत चल रहे निर्माण के कारण बैरिया से ब्रह्मपुरा के बीच कई मोहल्ले में जलजमाव की समस्या हो गयी है. बिना लेवल लिये एजेंसी नाला का निर्माण कर दिया है. इससे मोहल्ले का पानी निकलना मुश्किल हो गया है. पिछले दिनों हुई बारिश से एजेंसी के करतूतों की जब पोल खुली. तब निगम प्रशासन जलजमाव वाले मोहल्ले के समीप स्मार्ट सिटी से बने नालों की जांच-पड़ताल करते हुए एजेंसी पर पानी निकासी का दबाव बनाना शुरू कर दिये हैं. हालांकि, अब तक ब्रह्मपुरा चौक से मेहंदी हसन की तरफ जाने वाली सड़क से सटे एक मोहल्ले में वैसे ही रोड पर पानी लगा है.
बोलीं मेयर, एजेंसियों पर सख्ती बिना काम नहीं हो सकता है पूरा
काम की गति को बढ़ाने के लिए हम लगातार आवाज उठा रहे हैं. तत्कालीन प्रधान सचिव व वर्तमान डीएम की सख्ती के कारण काम तेजी से शुरू हुआ. लेकिन, यह कार्य कलेक्ट्रेट के आसपास ही सिमट कर रह गया है. शहर के बाकी हिस्से में पहले की तरह ही गड्ढे को खोद छोड़ा गया है. बार-बार तय डेडलाइन फेल हो रहा है. ऐसे में आने वाले बरसात के दिनों में लोगों को फिर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. प्रशासनिक अधिकारियों को चाहिए कि तेजी से काम को बरसात से पहले पूर्ण कराये. निर्मला साहू, महापौर, मुजफ्फरपुर नगर निगम