17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Mukhtar Ansari Death: माफिया मुख्तार अंसारी ने अपराध की दुनिया से रखा था राजनीति में कदम, दादा थे स्वतंत्रता सेनानी

Mukhtar Ansari Death: गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में गुरुवार को इलाज के दौरान मौत हो गई. बताया जा रहा है कि उसकी मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई. उसे गंभीर हालत में गुरुवार की शाम अस्पताल लाया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इधर मौत की खबर मिलने के साथ मुख्तार अंसारी के गाजीपुर स्थित आवास के बाहर लोग जमा होने लगे. माफिया डॉन की मौत की खबर के बाद यूपी के कई जिलों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

Mukhtar Ansari Death: पूर्व बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को मंगलवार को ही रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज से छुट्टी दे दी गई थी. जिसके बाद उसे वापस जेल भेज दिया गया था. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद मेडिकल बुलेटिन जारी किया गया. जिसमें बताया गया, 8.25 बजे रात में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज बांदा लाया गया था. उल्टी और बेहोशी की हालत में मुख्तार अंसारी को अस्पताल लाया गया था. अस्पताल में भर्ती करने के बाद 9 डॉक्टरों की टीम ने उसकी इलाज की. लेकिन काफी कोशिश के बाद भी हार्ट अटैक की वजह से उसकी मौत हो गई.

मुख्तार अंसारी के भाई ने धीमा जहर दिए जाने का लगाया था आरोप

मुख्तार अंसारी के सांसद भाई अफजाल अंसारी ने पिछले दिनों आरोप लगाया गया था कि उसके भाई को दो बार खाने में जहर दिया गया था. 21 मार्च को बाराबंकी की अदालत में एक मामले की डिजिटल माध्यम से सुनवाई के दौरान माफिया डॉन के वकील ने भी आरोप लगाया था कि उसके मुवक्किल को जेल में धीमा जहर दिया गया.

मुख्तार अंसारी के ऊपर 60 से अधिक मामले थे लंबित

मऊ से कई बार विधायक रह चुके मुख्तार अंसारी को विभिन्न मामलों में सजा सुनाई गई थी. मुख्तार अंसारी पर उत्तर प्रदेश, पंजाब, नयी दिल्ली और कई अन्य राज्यों में लगभग 60 से अधिक मामले लंबित थे.

रोपड़ जेल से बांदा जेल लाया गया था मुख्तार अंसारी

7 अप्रैल 2021 को मुख्तार अंसारी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पंजाब के रोपड़ से बांदा जेल लाया गया था. यूपी में जब योगी आदित्यनाथ ही सरकार बनी, उसके बाद उसे पंजाब से यूपी लाने को लेकर लंबी खींचतान हुई. बाद में सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उसे यूपी शिफ्ट करने का आदेश दे दिया था.

1996 मे पहली बार बना था विधायक

मुख्तार अंसारी 1996 में बीएसपी की टिकट पर जीतकर पहली बार मऊ से विधायक बना था. वह 2002, 2007, 2012 और 2017 में भी मऊ से जीतकर विधायक बना था.

मुख्तार अंसारी के दादा थे स्वतंत्रता सेनानी

गाजीपुर में माफिया मुख्तार के परिवार की पहचान बड़े सियासी घराने के रूप में होती थी. मुख्तार से पहले उसके परिवार में कोई भी आपराध की दुनिया में नहीं था. उसके दादा डॉ मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे. जबकि मुख्तार अंसारी के नाना जी सेना में थे. ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान 1947 की लड़ाई में शहीद हुए थे, उन्हें महावीर चक्र से भी नवाजा गया था.

Also Read: मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत, बांदा मेडिकल कॉलेज में कराए गए थे भर्ती

कृष्णानंद हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को हुई थी 10 साल की सजा

कृष्णानंद हत्याकांड मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाई गई थी. वहीं कोर्ट ने 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. मुख्तार और उसके भाई अफजाल अंसारी को कृष्णानंद हत्याकांड का मुख्य आरोपी बनाया गया था. कृष्णानंद राय जब एक कार्यक्रम का उद्घाटन करके लौट रहे थे कि तभी उनकी हत्या कर दी गई थी. बताया जाता है उनके उफर एके-47 से तकरीबन 500 गोलियां चलाई गईं थीं. हमलावरों ने कृष्णानंद राय के शरीर को गोलियों से भून दिया गया था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें