17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Rules Change: टोल प्लाजा पर अब नहीं दे सकेंगे चकमा, नंबर प्लेट ही करेगा चुगली

Rules Change: आम तौर पर हाईवे पर गाड़ी चलाने के वक्त पैसा बचाने के लिए लोग एक टोल प्लाजा को वैकल्पिक मार्ग के जरिए जंप कर जाते हैं और दूसरे टोल प्लाजा पर पैसों का भुगतान करते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा. दूसरे टोल प्लाजा पर ही आपके जंप वाले टोल प्लाजा का भी टैक्स कट जाएगा.

Rules Change: वाहन चालकों और मालिकों के लिए एक जरूरी खबर है और वह यह कि अब आप नेशनल हाईवे पर बने टोल प्लाजा पर टोल टैक्स देने से नहीं बच सकते. आपको हर हाल में टोल टैक्स देना ही होगा. खबर यह भी है कि आप चकमा देने के लिए टोल प्लाजा से हटके रास्ता बदलकर भी आगे नहीं बढ़ सकते, क्योंकि आपकी गाड़ी में लगा हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट ही आपकी चुगली कर देगा. आपकी गाड़ी में लगे नंबर प्लेट जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) से लैस होगा, जो आपके पोजिशन का सैटेलाइट के जरिए सीधा एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) या फिर क्षेत्रीय परिवहन विभाग (आरटीओ) को भेज देगा. सरकार की ओर से यह व्यवस्था टोल टैक्स भुगतान के लिए साल 2021 से लागू फास्टैग से मुक्ति के लिए की गई है. सरकार का यह नया नियम इसी मार्च महीने से लागू हो गया है.

सैटेलाइट-बेस्ड टोल कलेक्शन

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अब टोल प्लाजा पर सैटेलाइट बेस्ड टोल टैक्स का कलेक्शन किया जाएगा. वाहन चालकों या मालिकों से टोल टैक्स की वसूली के लिए जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टिम) और कैमरे का इस्तेमाल किया जाएगा. सरकार ने इस नियम को मार्च 2024 से ही लागू कर दिया है, जिसे मई-जून तक अमलीजामा पहनाया जा सकेगा. केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अभी हाल ही में अपने एक बयान में कहा है कि अभी इसका पायलट रन चल रहा है और आने वाले कुछ ही दिनों में इसे लागू कर दिया जाएगा.

क्या है जीपीएस बेस्ड टोल प्लाजा सिस्टम

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण देश में जीपीएस तकनीक पर संचालित टोल कलेक्शन की जल्द ही शुरुआत करने जा रहा है. इसका अर्थ यह है कि टोल टैक्स का भुगतान करने के लिए फोर व्हीलर या इससे बड़े वाहनों के चालकों को टोल टैक्स का भुगतान करने के लिए टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ेगा. वे जैसे ही टोल प्लाजा के नजदीक पहुंचेंगे जीपीएस और कैमरा एक्टिव हो जाएंगे और टोल टैक्स के तौर पर भुगतान की जाने वाली रकम वाहन चालकों के खाते से ऑटोमेटिक कट जाएगी.

कैसे काम करेगा जीपीएस सिस्टम

रिपोर्ट में कहा गया है कि टोल प्लाजा पर जीपीएस बेस्ड टोल सिस्टम से टैक्स की रकम कलेक्ट की जाएगी. इस नई प्रणाली के तहत जैसे ही आपकी गाड़ी टोल प्लाजा के पास कलेक्शन प्वाइंट की जद में पहुंचती है, तो टोल प्लाजा पर लगा जीपीएस और आपकी गाड़ी के नंबर प्लेट में लगाया गया जीपीएस ऑटोमैटिकली एक्टिव हो जाते हैं और चलती गाड़ी में चार्ज काट लिया जाता है. इसे जीपीएस को-ऑर्डिनेशन कहते हैं, जिससे दो जगहों पर लगे जीपीएस आपस में मेल खाते हैं. जीपीएस सिस्टम को एक्टिव करने के लिए गाड़ियों में नए नंबर प्लेट लगाए जा रहे हैं, जिनकी जीपीएस का इस्तेमाल करके सैटेलाइट के माध्यम से निगरानी की जाएगी. इसका अर्थ यह है कि आप अगर अपनी गाड़ी चला रहे हैं, तो सैटेलाइट के माध्यम से जीपीएस आपके पोजिशन की जानकारी देता रहेगा. ऐसी स्थिति में अगर आप टोल प्लाजा से हटकर चकमा देने की कोशिश करेंगे, तो आपकी गाड़ी के नंबर प्लेट में लगा हुए जीपीएस ही आपकी चुगली कर देगा.

फास्टैग के झंझट से मुक्ति

नियम में बदलाव के साथ टोल टैक्स कलेक्शन के लिए सैटेलाइट बेस्ड कलेक्शन सिस्टम के चालू हो जाने के बाद वाहन चालकों और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को फास्टैग से मुक्ति मिल जाएगी. अभी तक वाहन चालकों से फास्टैग के जरिए ही टोल टैक्स की वसूली की जाती है, लेकिन पेटीएम विवाद सामने आने के पहले से ही सरकार जीपीएस सिस्टम पर काम रही है. साल 2021 से ही टोल प्लाजा पर फास्टैग का इस्तेमाल किया जा रहा है. फास्टैग के आने से टोल प्लाजा पर वेटिंग पीरियड 8 मिनट से घटकर 47 से सेकेंड हो गया. अब सैटेलाइट बेस्ड जीपीएस के लागू हो जाने के बाद वेटिंग पीरियड 47 सेकेंड से घटकर शून्य हो जाएगा.

फास्टैग से कितना अलग है जीपीएस बेस्ड टोल कलेक्शन

आम तौर पर टोल प्लाजा पर स्कैनर के जरिए फास्टैग में दिए गए नंबरों को स्कैन किया जाता है, उसके बाद वाहन चालकों के बैंक खाते से टोल टैक्स की रकम की कटौती की जाती थी. इसके लिए वाहन चालकों को टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ता है. अब जबकि टोल प्लाजा पर सैटेलाइट बेस्ड जीपीएस टोल कलेक्शन सिस्टम को लागू किया जा रहा है, सफर की दूरी के आधार पर एएनपीआर तकनीक का इस्तेमाल करते हुए टोल टैक्स की रकम की कटौती की जाएगी. इसका मतलब यह हुआ कि आपने टोल प्लाजा से पहले नेशनल हाईवे पर कितने किलोमीटर की दूरी तय की है. आप जितने किलोमीटर की दूरी तय करेंगे, उसके हिसाब से रकम की वसूली की जाएगी.

Also Read: Rules Change: 1 अप्रैल से 15 साल पुरानी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रद्द, जानें क्या है उपाय?

टोल प्लाजा जंप करना नहीं होगा आसान

भारत में अब तक टोल प्लाजा पर टैक्स के तौर पर एक निश्चित रकम वसूली जाती है. आम तौर पर एक टोल प्लाजा से दूसरे टोल प्लाजा की दूरी 60 किलोमीटर मानी जाती है और इसी 60 किलोमीटर के हिसाब से पैसा वसूला जाता है, लेकिन जीपीएस सिस्टम लागू हो जाने के बाद पैसा बचाने के लिए अगर आप एक टोल प्लाजा को किसी दूसरे रास्ते से जंप करके दूसरे टोल प्लाजा पर जाते हैं, तो आपने दूसरे टोल प्लाजा तक जाने के लिए जितने किलोमीटर का सफर तय किया है, उस दूरी को जोड़कर आपसे पैसे की वूसली की जाएगी.

Also Read: Viral Video: बिना हेलमेट स्कूटर पर फोन से बतिया रही थी महिला, कैमरे हो गई कैद

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें