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भागलपुर में लंबे अरसे बाद अब कांग्रेस उतारने जा रही लोकसभा प्रत्याशी, 1984 में मिली थी आखिरी जीत

भागलपुर लोकसभा में अब लंबे अरसे बाद कांग्रेस अपना उम्मीदवार देने जा रही है.

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बिहार की 40 सीटों का अब महागठबंधन ने भी बंटवारा कर लिया है. राजद, कांग्रेस और वामदलों में इसे लेकर आपसी सहमति बन गयी. शुक्रवार को साझा प्रेस कांफ्रेंस करके सीट बंटवारे की घोषणा कर दी गयी. कांग्रेस के खाते में 9 सीटें आयी हैं. जिसमें एक सीट भागलपुर लोकसभा की भी है. भागलपुर में राजद ने अपनी दावेदारी छोड़ी और कांग्रेस यहां लंबे अरसे बाद फिर एकबार अपने सिंबल पर प्रत्याशी उतारने जा रही है. लंबे अरसे के बाद भागलपुर में कांग्रेस उम्मीदवार लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरने जा रहा है.

भागलपुर में सदानंद सिंह थे पिछले उम्मीदवार

भागलपुर लोकसभा सीट महागठबंधन में कांग्रेस के खाते में गयी है. अब कांग्रेस इस सीट पर अपना उम्मीदवार तय करेगी. सियासी इतिहास की बात करें तो भागलपुर विधानसभा में लगातार कांग्रेस को जीत मिलती आयी है और वर्तमान में कांग्रेस के ही विधायक हैं. लेकिन लोकसभा चुनाव की बात करें तो उम्मीदवारी सुनिश्चित करने में ही कांग्रेस को यहां कई साल लग गए. इससे पहले 2009 के चुनाव में कांग्रेस ने सदानंद सिंह को उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारा था. हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी सदानंद सिंह यह चुनाव हार गए थे. 1991 में भी जनता दल के प्रत्याशी चुनचुन यादव ने उन्हें बड़े अंतराल से हराया था.

कांग्रेस का गढ़ रहा भागलपुर, ढलता भी गया जीत का सूरज..

भागलपुर लोकसभा सीट एक समय कांग्रेस का गढ़ रहा है. 1957 से बनारसी प्र. झुनझुनवाला और भागवत झा आजाद जैसे सांसद कांग्रेस के टिकट पर जीतकर संसद पहुंचे. 1984 तक नौ टर्म के चुनाव में इस सीट से 7 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. 1952 में जेबी कृपलानी को जनता ने स्वीकार किया तो वहीं पूर्व सीएम भागवत झा आजाद ने 5 बार इस सीट से जीत दर्ज की. लेकिन 1989 से यहां कांग्रेस का किला ढहना शुरू हो गया. उसके बाद चुनचुन यादव जनता दल से तो उनके बाद भाजपा और सीपीएम और राजद व जदयू के उम्मीदवार जीतते रहे. कांग्रेस के खाते में लंबे अरसे बाद अब ये सीट आयी है तो पार्टी ने अपनी तैयारी शुरू कर दी.

राजद से अब कांग्रेस के पास आयी सीट

गौरतलब है कि भागलपुर में गठबंधन के तहत राजद ने पिछले चार टर्म के चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे थे. आरजेडी को 2014 के चुनाव में यहां जीत मिली थी. लेकिन 2019 में राजद उम्मीदवार हार गए. अब ये सीट कांग्रेस के पास है. कांग्रेस उम्मीदवार की सीधी टक्कर यहां एनडीए के लिए मैदान में उतरे जदयू के उम्मीदवार सह वर्तमान सांसद अजय कुमार मंडल से होगी.

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