29 मार्च- फोटो- 5- खरबूजे की खेती का निरीक्षण करते किसान एवं उद्यान पदाधिकारीराजपुर :- प्रखंड के कोनौली गांव के रहने वाले युवा प्रगतिशील किसान अंकित सिंह सब्जी की खेती कर लाखों रुपए की आमदनी कर रहे हैं.स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने किसी निजी कंपनी या सरकारी दफ्तर में काम करने के बजाय सब्जी की खेती को अपना आधार बनाया है. जिस काम में उनके छोटे भाई अभिमन्यु कुमार एवं पिता वंशनारायण सिंह काफी सहयोग कर रहे हैं. खेती के बल पर इनको आर्थिक आमदनी प्राप्त हो रहा है. वह अपने कृषि कार्य के माध्यम से शेडनेट हाउस लगाकर खीरा ,गोभी, मटर ,टमाटर, प्याज ,खरबूजा एवं अन्य हरी सब्जियों की खेती लगभग सात एकड़ से अधिक भूमि पर करते हैं. इस बार उन्होंने प्रयोग के तौर पर व्यापक पैमाने पर खरबूजा की भी खेती किया है. वर्ष 2020 से सब्जी की खेती करने वाले किसान अब वैज्ञानिक तरीके से विभिन्न फसलों का उत्पादन कर रहे हैं. शेडनेट हाउस के अंदर लगे केला के बागान के साथ विभिन्न सब्जियों का उत्पादन करते हैं.फार्म हाउस से उत्पादित सब्जियां स्थानीय बाजार के अलावा निकट के रोहतास जिला के कोचस एवं बक्सर जैसे बड़े शहरों में भी इनकी सब्जी की बिक्री की जाती है. इनके सब्जी के उत्पादन से वर्ष में लाखों की आमदनी हो रही है. कृषि फार्म हाउस को चलाने में लगभग 20 से 25 मजदूरों को नियमित रोजगार भी दिए हैं. जिसमें महिला मजदूरों की संख्या अधिक है.यह मजदूर साल भर फॉर्म हाउस में नियमित तरीके से काम करते हैं.बदलते समय के साथ जहां लोग बेरोजगारी की मार झेलकर दिल्ली एवं सूरत जैसे शहरों में जाते हैं. वहीं इनके आधुनिक कृषि प्रणाली से जुड़कर यह मजदूर अपने आमदनी भी कर रहे हैं. फार्म हाउस को देखने के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी अमन समीर ने उनके फार्म हाउस का निरीक्षण किया था. कुछ महीने पूर्व वर्तमान जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने भी फार्म हाउस पर पहुंचकर खेती प्रणाली से अवगत होकर इन्हें प्रोत्साहित किया था. उनके कार्यों को देखकर जिलाधिकारी ने अन्य किसानों को भी प्रेरित करते हुए आगे बढ़ने का अपील किया. इनकी खेती को देखकर आसपास के अन्य युवा किसान भी प्रेरित होकर आधुनिक कृषि की ओर मुड़ना शुरू कर दिए हैं. हालांकि किसानों के समक्ष कोई परेशानियां है बावजूद आधुनिक कृषि को अपनाना जरूरी समझ रहे हैं.
बिजली के अभाव में फसल हो रही प्रभावित किसान अंकित कुमार ने बताया कि इस बड़े कृषि फार्म हाउस को पर लगे फसलों की सिंचाई के लिए डीजल पंप सेट ही सहारा है. खेत तक अभी बिजली की सप्लाई नहीं हुई है.बिजली विभाग को कई बार सूचित किया गया. यहां तक की जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद भी विभाग के तरफ से अब तक बिजली के खम्भे नहीं गाड़ा गया है. ऐसे में बढ़ते तापमान के साथ इन फसलों को बचाना काफी मुश्किल हो जाता है. जिसके लिए गांव से फार्म हाउस तक बिजली वैकल्पिक तौर पर बांस के सहारे पहुंचाया गया है जो अक्सर तार टूटकर खराब हो जाता है. जिसमें अधिक राशि खर्च के साथ समय पर बिजली भी नहीं मिल पाता है. अगर निर्बाध बिजली मिले तो किसी फार्म हाउस पर खेती का और दायरा बढ़ाकर अधिक लोगों को रोजगार दिया जा सकता है.BREAKING NEWS
फाइल- 3- युवा किसानों के रॉल मॉडल बने अंकित, सब्जी की खेती में बनायी पहचान, महिलाओं को दे रहे रोजगार किसानों को कर रहे प्रेरित
युवा किसानों के रॉल मॉडल बने अंकित,
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