विधि प्रतिनिधि, धनबाद,
जान मारने की नीयत से अपने पड़ोसी पर गोली चला देने के आरोपी भूली निवासी रिटायर आर्मी मैन मनोज सिंह व उसकी पत्नी अनुराधा देवी को अदालत ने सजा सुनाई है. धनबाद के जिला व सत्र न्यायाधीश प्रफुल्ल कुमार की अदालत ने मनोज सिंह को सात वर्ष की कैद व पांच हजार रुपए जुर्माना व उसकी पत्नी अनुराधा देवी को तीन वर्ष की कैद व पांच हजार रुपए जुर्माना से दंडित किया है. अभियोजन का संचालन अपर लोक अभियोजक सोनी कुमारी ने 16 गवाहों का परीक्षण कराया था. प्राथमिकी भूली निवासी निलेश कुमार राय की शिकायत पर भूली थाने में 18 अक्टूबर 2017 को दर्ज की गई थी. इसके मुताबिक 18 अक्टूबर 2017 के सुबह निलेश अपने घर के पास लगे बांस जिस से बिजली का कनेक्शन जा रहा था, जो सड़ गया था, उसे बदल कर दूसरा बांस गाड़ रहा था. इसी क्रम में मनोज व उसकी पत्नी अनुराधा निलेश व उसके भाई को गाली गलौज करने लगे. मना करने पर दोनों ने धमकी देते हुए कहा कि अभी बताते हैं. थोड़ी देर के बाद मनोज पिस्टल लेकर आया और नीलेश के ऊपर गोली चला दी. गोली निलेश के सीने में लगी. अनुराधा के कहने पर मनोज ने दो और गोली चलायी, जो निलेश को नहीं लगी. गोली लगने के कारण निलेश वहीं गिर गया. इसे मरा समझ कर दोनों भाग गये.
गांजा तस्करी के मामले में दो मुजरिम दोषी करार, सजा पर फैसला छह को :
84 किलो गांजा के साथ रंगे हाथों धराये सोनू कुमार सिंह व उमाशंकर दास को अदालत ने दोषी करार दिया है. धनबाद के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा कीअदालत ने सजा की बिंदु पर सुनवाई के लिए छह अप्रैल की तिथि निर्धारित की. प्राथमिकी सरायढेला थाना में नौ जून 2019 को दर्ज की गयी थी. इसके मुताबिक नौ जून 2019 को पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि ओड़िशा से कार में गांजा तस्करों द्वारा ले जाया जा रहा है. चेकिंग लगायी गयी चेकिंग के दौरान पुलिस ने तेज गति से आ रही एक सेंट्रो कार को पकड़ा. इसमें दो लोग बैठे थे. जांच में कार से बोरा में भरा हुआ 84 किलो गांजा बरामद किया गया था. इसे पुलिस ने जब्त कर सोनू सिंह व उमाशंकर दास को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में दोनों ने बताया था कि वह गांजा को संबलपुर ओड़िशा से लेकर हजारीबाग में लकी नाम के एक व्यक्ति को देने जा रहे थे. इस एवज में उन्हें 10 हजार रुपए दिया गया था. सरायढेला थाना प्रभारी निरंजन तिवारी की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
धनसार गोलीकांड में कुख्यात अमन साहू व नक्सली प्रभात बरी :
झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू व कुख्यात नक्सली कमांडर बाबूलाल तुरी उर्फ प्रभात जी उर्फ शंकर जी को जिला व सत्र न्यायाधीश संजय कुमार सिंह की अदालत ने लीगल ऐड डिफेंस काउंसिल के डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट की दलील सुनने के बाद बरी करने का आदेश दिया है. अमन साहू फिलवक्त मेदनीपुर पलामू जेल में बंद है. इसके विरुद्ध झारखंड के विभिन्न जिलों में पुलिस रेकॉड के मुताबिक हत्या, रंगदारी, जानलेवा हमला, प्रतिबंधित हथियार रखने, नक्सली गतिविधियों में शामिल रहने के कुल 99 मुकदमे चल रहे हैं. प्राथमिकी धनसार इंजीनियरिंग के सीइओ अमरेंद्र नारायण झा की लिखित शिकायत पर बैंकमोड़ थाने में अज्ञात हमलावरों के खिलाफ 18 अक्टूबर 2015 को दर्ज की गयी थी. प्राथमिकी के मुताबिक 18 अक्टूबर 2015 के सुबह साढ़े नौ बजे वह अपने ड्राइवर के साथ आवास से ऑफिस जाने के लिए निकले, धोवाटांड़ टाटा मोटर्स के समीप वह गाड़ी से उतरकर एक व्यक्ति का इंतजार करने लगे, तभी अज्ञात हमलावरों ने उनके ऊपर गोली चला दी. जान बचाने के लिए जब वह भागने लगे लगे, तो हमलावरों ने पीछे से भी गोली चलायी.
लक्ष्मण मुर्मू हत्याकांड में गोपी रवानी रिहा :
लक्ष्मण रवानी की हत्या सबल से मारकर करने के मामले में शनिवार को प्रधान जिला एवं सत्र नयाधीश राम शर्मा की अदालत ने अपना फैसला सुनाया. अदालत ने आरोपी बलियापुर थाना क्षेत्र के कुसमाटांड़ निवासी गोपी रवानी उर्फ गोपी किशन रवानी को संदेह का लाभ देते हुए बरी करने का आदेश दिया है. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता कंसारी मंडल ने पैरवी की. बता दें कि मृतक की पत्नी लक्षीमनी मझियाइन के फर्द बयान पर 16 मार्च 2019 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी. प्राथमिकी के मुताबिक 15 मार्च 2019 को शाम 4:30 बजे लक्ष्मण मुर्मू अपने दोस्त गोपी रवानी के साथ ताड़ी पी रहे थे. इसी दौरान किसी बात को लेकर दोनों के बीच मारपीट होने लगी. वह बीच बचाव करने गयी, तभी गोपी रवानी घर के आंगन में रखे सबल उठा लिया और उसके पति लक्ष्मण के सिर पर मार कर जख्मी कर दिया. जख्मी अवस्था में उसे इलाज के लिए पीएमसीएच धनबाद में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.