13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लोकसभा चुनाव में पार्टियों पर भारी पड़ेगी नेताओं की नाराजगी, कई सीटों पर खेल बिगाड़ने की तैयारी

बिहार में पार्टियों के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर सीटों का बंटवारा हो चुका है. ऐसे में कई ऐसे उम्मीदवार हैं जो टिकट से वंचित हो गए हैं. इन नेताओं की नाराजगी लोकसभा चुनाव में पार्टियों का खेल बिगाड़ सकते हैं.

सुमित कुमार, पटना. लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बिहार में दोनों प्रमुख गठबंधनों ने सीटों का बंटवारा पूरा कर लिया है. एनडीए खेमे ने तो सभी 40 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिये हैं, पर महागठबंधन में घोषणा तो नहीं की गयी है, लेकिन उम्मीदवारों को सिंबल बांटे जा रहे हैं. ऐसे में टिकट से वंचित कई संभावित उम्मीदवारों की नाराजगी सामने आने लगी है. कुछ सीटों पर ऐसे उम्मीदवारों ने खुल कर बगावत का बिगुल फूंक दिया है, जबकि कुछ समय का इंतजार करते हुए भीतरघात की तैयारी में जुटे हैं. उनकी इस नाराजगी का असर दोनों प्रमुख गठबंधनों के उम्मीदवारों की जीत-हार पर पड़ने की संभावना जतायी जा रही है.

आधा दर्जन से अधिक सीटों पर सबकी नजर

ऐसी करीब आधा दर्जन से अधिक सीटों पर सबकी नजर है. इनमें सीवान, नवादा, औरंगाबाद, मुंगेर, पूर्णिया आदि लोकसभा क्षेत्र शामिल हैं. नवादा में एनडीए से विवेक ठाकुर, जबकि महागठबंधन से श्रवण कुशवाहा उम्मीदवार हैं. लेकिन, टिकट की आस में बेटिकट हुए राजद के विनोद यादव और भोजपुरी गायक गुंजन सिंह की नाराजगी दोनों उम्मीदवारों पर भारी पड़ सकती है.

इसी तरह, सीवान में एनडीए से विजयलक्ष्मी कुशवाहा का नाम तय है. महागठबंधन से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी का नाम सामने आ रहा है. लेकिन, सीवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शराब को एआइएमआइएम के मिले समर्थन से चुनावी जंग रोचक बन गयी है. पूर्व निर्दलीय सांसद और भाजपा नेता ओमप्रकाश यादव भी सीवान से चुनाव लड़ने की संभावना तलाश रहे हैं.

औरंगाबाद व पूर्णिया में कांग्रेस नेता दिखा रहे बागी तेवर

कुछ सीटों पर कांग्रेस के स्थानीय प्रभावी नेता बागी तेवर दिखा रहे हैं. औरंगाबाद की सीट महागठबंधन में राजद को मिलने से कांग्रेस के पूर्व सांसद निखिल कुमार नाराज बताये जा रहे हैं. इसी तरह, पूर्णिया सीट भी राजद कोटे में जाने के बावजूद कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद पप्पू यादव नामांकन करने की बात कह रहे हैं. कांग्रेस के सिंबल पर पूर्णिया से चुनाव लड़ने को लेकर ही उन्होंने अपनी पूरी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया था.

कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के रुख पर इन नेताओं के साथ ही क्षेत्र का वोटिंग पैटर्न निर्धारित होगा. मुंगेर में भाजपा नेता नलिन रंजन शर्मा उर्फ ललन सिंह का तेवर भी बागी बताया जा रहा है. इसके अलावा कई अन्य सीटों पर त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय संघर्ष की संभावनाएं बन रही हैं.

बिहार चुनाव में इन चार फैक्टर पर सबकी नजर

चुनाव विश्लेषकों के मुताबिक बिहार की सभी 40 सीटों पर एनडीए और महागठबंधन उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला होना तय है. लेकिन, चार फैक्टर इस चुनाव पर असर डाल सकते हैं, जिन पर सबकी नजर है.

  1. इनमें से एक पशुपति पारस फैक्टर का हल निकल चुका है. एनडीए में टिकट बंटवारे से नाराज होकर केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले पारस ने अब एनडीए के लिए प्रचार करने की घोषणा कर दी है.
  2. दूसरा फैक्टर पप्पू यादव का है. अगर उनके टिकट का विवाद नहीं सुलझा तो पूर्णिया, मधेपुरा, सुपौल सहित सीमांचल की कुछ सीटों पर बड़ा असर पड़ने की संभावना बतायी जा रही है.
  3. तीसरा ओवैसी फैक्टर है. असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम ने इस बार 15 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे जाने की घोषणा की है. विभिन्न पार्टियों के बागियों को एआइएमआइएम से टिकट मिल सकता है. ऐसे में मुस्लिम बहुल सीटों पर वोटिंग पर असर पड़ने की संभावना है.
  4. चौथा फैक्टर मुकेश सहनी का है. महागठबंधन सीट बंटवारे में भी उनके हिस्से अभी तक कोई सीट नहीं मिली है. इस पर पार्टी और नेता के भविष्य को लेकर चर्चाएं शुरू हो गयी हैं. अगर मुकेश सहनी अति पिछड़ा बहुल कुछ सीटों पर उम्मीदवार उतारते हैं, तो वो किस पक्ष का वोट काटेंगे, यह भी देखने वाली बात होगी.

इसके साथ ही पार्टियों से बेटिकट हुए सांसदों और चुनाव लड़ने की उम्मीद लगा कर रखने वाले नेताओं के अगले कदम का भी इंतजार हो रहा है.

Also read : बिहार में इन बाहुबलियों की पत्नियां चुनावी मैदान में ठोक रही ताल

लालू यादव के गृह जिले में घिरी राजद, किसी उम्मीदवार पर नहीं बन पा रही सहमति

नरेंद्र मोदी 2 बार जमुई आने वाले पहले प्रधानमंत्री, यहीं से करेंगे चुनाव अभियान की शुरुआत

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें