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Bihar Weather: गर्मी की आहट हुई तो नीचे गया भूजल का स्तर, जानें कितनी होगी प्री मॉनसून बारिश

bihar weather: अप्रैल माह के आते ही बिहार में परा ऊपर और भूजल स्तर नीचे की ओर जाने लगा है. बिहार के कई इलाकों में गंभीर जल संकट की आहट सुनाई दे रही है. वैसे सरकार इस संकट को कम करने के प्रयारा में लगी हुई है.

Bihar Weather: पटना. बिहार में गर्मी की आहट आते ही कैमूर जहानाबाद, मुंगेर, जमुई, भागलपुर, गया, नालंदा, पटना, रोहतास और नवादा की कुछ जगहों पर भूजल स्तर में गिरावट दर्ज की गयी है. पटना बिहार शरीफ में चार फुट, गया दो-तीन फुट, नवादा चार फुट, जहानाबाद दो फुट , जमुई पांच, भागलपुर पश्चिम में दो, भागलपुर पूर्वी में तीन फुट, पटना पूर्व में एक फुट और पटना पश्चिम में एक से दो फुट तक संभावित भूजल में गिरावट दर्ज की गयी है. साथ ही, कैमूर, जहानाबाद, गया और नवादा में चापाकल में पानी कम होने की शिकायत और मुंगेर, भागलपुर, पटना में अभी से बोरिंग हांफ रहे हैं. पटना के मनेर, दनापुर,दीघा, फुलवारी के इलाकों में निजी बोरिंग में पानी का प्रेशर कम हुआ है. इस संबंध में पीएचइडी तक शिकायतें पहुंच रही हैं जिसके बाद विभाग ने भूजल की निगरानी बढ़ाते हुए हर 15 दिनों में वाटर टेबल तैयार कराने का निर्देश दिया है. सूत्रों के मुताबिक कैमूर में 14, जहानाबाद में 17, नवादा और गया में लगभग 28 से अधिक चापाकलों में शिकायत मिली है.

जल संरक्षण के लिए विभाग के स्तर पर काम तेज

कैमूर में चांद ,अमावां, अधैरा, बरवां कलां,बभनी कलां, दिघार, अस्थान.जहानाबाद गोनावां, पश्चिम सरेन. भागलपुर पीरपैंती, सलेमपुर, राम जानीपुर. मुंगेर श्रीमतपुर, शंकरपुर. रोहतास जयंतीपुर. नालंदा सकरी और नवादा में बड़ैल में जल संरक्षण के लिए विभाग के स्तर पर काम तेज किया गया है, लेकिन , पीएचइडी की जांच में पाया गया है कि इन इलाकों में एक ही वार्ड के कई हिस्से में पानी है, तो कई हिस्से में पानी नहीं है.ऐसे में भूजल की रिपोर्ट बनाने में प्रशिक्षित अधिकारियों को लगाया गया है.

जरूरत पड़ने पर टैंकर से पहुंचाया जायेगा पानी

पीएचइडी अधिकारियों के मुताबिक हर साल मार्च से अगस्त तक 463 वाटर टैंकर, वाटर एटीएम 15, 19 जलदूत के माध्यम से क्रिटकल वार्डों में पानी पहुंचाया जाता है. 2023 में गया में 49, मुंगेर 10, भागलपुर छह, बांका छह, कैमूर तीन, शेखपुरा दो, लखीसराय तीन, बेगूसराय दो,पश्चिम चंपारण दो, नालंदा एक, जहानाबाद एक, औरंगाबाद में एक टैंकर से लोगों तक पानी पहुुंचाया गया है.वहीं,सीतामढ़ी, समस्तीपुर, मधुबनी, दरभंगा जैसे इलाकों के 90 से वार्डों में जल संकट बढ़ा है. इन इलाकों में पिछले दो वर्षों में पानी संकट वार्ड के कुछ-कुछ इलाकों में शुरू हुआ है,

चार जोन में बंटकर काम करेंगे क्रिटिकल जोन में अधिकारी

पीएचइडी सूत्रों के मुताबिक अधिकारी चार जोन में बंटकर क्रिटिकल जोन में काम करेंगे. इनकी कोडिंग भी पहले की तरह की जायेगी.इसको लेकर विभाग सहायक, कनीय अभियंता को प्रशिक्षण दिलायेगा. इसके बाद इन्हें अपने-अपने जोन में भूजल गिरावट की निगरानी और योजना संबंधी कमियों को दूर करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.

अप्रैल में प्री मॉनसून बारिश सामान्य से होगी कम

इधर, अप्रैल में समूचा बिहार तपेगा. आइएमडी ने अप्रैल का दीर्घकालीन मौसम पूर्वानुमान सोमवार को जारी कर दिया है. पूर्वानुमान में बताया है कि अप्रैल में प्री मॉनसून बारिश सामान्य से कम होने के संभावना है, जबकि पारा सामान्य से अधिक रहने की आशंका है. राज्य में लू के दिनों की संख्या सामान्य से अधिक रहने के आसार हैं. आइएमडी के के मुताबिक पूरे बिहार में उच्चतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की आशंका है. हालांकि दक्षिण-पश्चिम बिहार के कुछ हिस्से लू की चपेट में आ सकते हैं.

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बिहार के कुछ हिस्से लू की चपेट में

राज्य में न्यूनतम तापमान से काफी अधिक होने का पूर्वानुमान है. आइएमडी ने बिहार के अधिकतर हिस्से को लाल रंग से दर्शाया है,यानी रात में गर्म हवाएं चल सकती हैं. इधर राज्य में मार्च माह में प्री मॉनसून बारिश 31 मिलीमीटर से अधिक दर्ज की गयी है, जो कि सामान्य से 281 प्रतिशत अधिक है. राज्य में मार्च का सबसे अधिक तापमान वैशाली में 41.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया . राज्य में सबसे कम न्यूनतम तापमान 8.5 डिग्री सेल्सियस मोतिहारी में दर्ज किया गया है.

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