- ए प्लस-प्लस ग्रेड प्राप्त करने के लिए कुलपति ने लिया संकल्प, शिक्षकों और पदाधिकारियों से की सहयोग की अपील
- नैक मूल्यांकन की तैयारियों और योजना बनाने के लिए सीनेट सभागार में संकायाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों और शिक्षकों के साथ बैठक
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में मंगलवार को नैक मूल्यांकन को लेकर कुलपति प्रो.दिनेश चंद्र राय की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गयी. प्रो.दिनेश चंद्र राय ने कहा कि 45 दिनों की अवधि में सभी विभागों एवं प्रशासनिक कार्यालयों की अधिसंरचना के सुधार की दिशा में तीव्र गति से कार्य किया जायेगा. विभागों में प्राध्यापकों की कमी को पूरा करने के लिए छात्र-शिक्षक अनुपात की गणना कर जहां शिक्षकों की संख्या अधिक होगी. वहां से शिक्षकों का ट्रांसफर किया जायेगा. उन्होंने कहा कि आइआइक्यूए सब्मिट करने के बाद नैक के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है. प्रत्येक घंटा और दिन विश्वविद्यालय के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने सभी से सहयोग के लिए अपील की. ए प्लस प्लस ग्रेड प्राप्त करने के लिए उन्होंने अलग-अलग टीम गठित करने का निर्देश दिया. विभागाध्यक्षों ने विभागों एवं कार्यालयों के जर्जर भवन, पेयजल की असुविधा, बिजली आपूर्ति की दिक्क़तें, वर्ग संचालन के लिए कक्षाओं का अभाव, शौचालय एवं प्रसाधन गृह की कमी आदि समस्याओं की तरफ कुलपति का ध्यान आकृष्ट कराया. धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कुलसचिव प्रो.संजय कुमार ने कहा कि जर्जर भवनों की मरम्मत शीघ्र करायी जायेगी. पेयजल व अन्य समस्याओं का निराकरण भी किया जायेगा. इसकी प्रक्रिया शुरू हो गइ है.
विश्वविद्यालय की बेहतर ग्रेडिंग के लिए 20 कमिटियों का गठन :
आईक्यूएसी के निदेशक प्रो.कल्याण कुमार झा ने कहा कि विश्वविद्यालय के विभागों की (वर्ष 2018 से 2023 तक) की एक्यूएआर रिपोर्ट के बाद आईआईक्यूए रिपोर्ट 31 मार्च को ऑनलाइन माध्यम से जमा कर दिया गया है. आइआइक्यूए रिपोर्ट के 45 दिनों के अंदर एसएसआर सब्मिट करने की अनिवार्यता है. इसको सफलतापूर्वक करने के लिए 20 टीमों का गठन किया गया है. इस टीम में नव-नियुक्त प्राध्यापकों को मुख्य रूप से रखा गया है. उन्होंने बताया कि रेशनलाइजेशन के बाद वर्तमान में पीजी विभागों में 153 प्राध्यापकों के पद स्वीकृत हैं. इसमें 88 ही प्राध्यापक नियुक्त हैं. 65 शिक्षकों के पद रिक्त हैं. ऐसे में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए ट्रांसफर की प्रक्रिया शीघ्र होगी. उन्होंने बताया कि 2015 में प्रथम चरण के नैक के दौरान टीम ने पीजी विभागों में शिक्षकों के डिप्टेशन को नहीं माना था.
डाक्यूमेंटेशन पर 70 और 30 प्रतिशत अंक पीयर टीम के विजिट पर :
कुलपति ने बताया कि वे कइ विश्वविद्यालयों में पीयर टीम के हिस्सा रहे हैं. ऐसे में उनके अनुभव का लाभ विश्वविद्यालय को मिलेगा. उन्होंने बताया कि नैक मूल्यांकन के लिए 70 प्रतिशत अंक केवल डॉक्युमेंटेशन पर निर्धारित है. वहीं 30 प्रतिशत अंक पीयर टीम के विजिट और उसकी अनुशंसाओं पर निर्भर होगा. उन्होंने कहा कि प्रत्येक विभाग को चाहिये कि वे अपनी उपलब्धियों को बेहतर तरीके से प्रस्तुत करें. इसका सकारात्मक असर होगा. नैक मूल्यांकन को लेकर एक डेडिकेटेड कक्ष की स्थापना की जायेगी. इस कक्ष में डॉक्यूमेंटेशन से लेकर अन्य कागजी कार्यों को किया जायेगा.