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जमशेदपुर में फर्जी बेलर तैयार कर कोर्ट से जमानत दिलानेवाले गिरोह के दो सदस्य अरेस्ट, एसएसपी ने किया खुलासा

पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर में फर्जी बेलर तैयार कर अदालत से जमानत दिलाने वाले गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं. एसएसपी किशोर कौशल ने मंगलवार को इसका खुलासा किया.

जमशेदपुर: वकीलों के साथ मिलकर फर्जी आधार कार्ड और वाहन के रजिस्ट्रेशन कार्ड से फर्जी बेलर (जमानतदार) तैयार कर जमशेदपुर कोर्ट से जमानत करानेवाले गिरोह के दो सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार सदस्यों में सिदगोड़ा 10 नंबर बस्ती सिंधु रोड निवासी अरविंद प्रसाद सिंह और उसका सहयोगी आदित्यपुर रोड नंबर 11 निवासी नवीन कुमार राय शामिल है. पुलिस ने गिरफ्तार युवकों से पूछताछ के बाद मंगलवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. मंगलवार को केस का उद्भेदन करते हुए जमशेदपुर के एसएसपी किशोर कौशल ने पत्रकारों को जानकारी दी.

अरविंद प्रसाद सिंह ने पूछताछ दी अहम जानकारी
जमशेदपुर के एसएसपी किशोर कौशल ने बताया कि अरविंद प्रसाद सिंह ने पूछताछ में कई अहम जानकारी दी है. उसने उन वकीलों के नाम बताये हैं, जिन्होंने फर्जी बेलर के जरिये कोर्ट से शातिर बदमाशों को जमानत करायी है. अरविंद प्रसाद सिंह ने पुलिस को बताया है कि जमशेदपुर कोर्ट के अधिवक्ता राजेश श्रीवास्तव, जनार्दन सिंह, नंदकिशोर राय, दिनेश सिन्हा, संजय मिश्रा, धनंजय यादव, सब्यसांची, दिनेश सिंह के सहयोग से वह फर्जी जमानतदार तैयार करता था तथा कोर्ट से जमानत कराया जाता था. इसके लिए उसे (अरविंद प्रसाद सिंह) को एक हजार रुपये मिलते थे. जबकि फर्जी जमानतदार को 250 रुपये दिये जाते थे. उसने पुलिस को बताया है कि जिला व्यवहार न्यायालय के गेट नंबर 3 के पास एक दुकान में फर्जी आधार कार्ड तैयार किया जाता है. फर्जी आधार कार्ड बनाने के लिए दुकानदार 200 रुपये लेता है.

फर्जी जमानतदार बनने पर प्रति केस 250 रुपये
फर्जी आधार कार्ड बनाने का तरीका श्यामू नामक युवक ने दिया. उसने पांच हजार रुपये में 40 से 50 फर्जी आधार कार्ड बनवा दिया. इसके अलावा वाहन का रजिस्ट्रेशन का कार्ड भी बनवा दिया. जमशेदपुर कोर्ट में ननकू सिंह, संजय सिंह, पांडेय, विशाल व अन्य के द्वारा भी फर्जी जमानतदार तैयार किया किया जाता है. वे लोग भी फर्जी आधार कार्ड व वाहन का रजिस्ट्रेशन कार्ड बनवा कर कोर्ट से वकील के माध्यम से जमानतदार बनकर जमानत दिलाने का काम करते हैं. एक केस में जमानत कराने पर प्रतिव्यक्ति उसे (अरविंद प्रसाद सिंह) सात से आठ सौ रुपये का फायदा होता था. वह पिछले तीन साल से इस धंधे से जुड़ा है. रेपिडो बाइक बुक करने के दौरान उसकी मुलाकात नवीन कुमार राय से हुई. जिसके बाद नवीन कुमार राय भी उसके धंधे से जुड़ गया. नवीन कुमार राय ने पुलिस को बताया कि फर्जी जमानतदार बनने पर प्रति केस उसे 250 रुपये मिलते थे.

54 फर्जी आधार कार्ड, 17 वाहनों का नकली रजिस्ट्रेशन कार्ड जब्त
एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार अरविंद प्रसाद सिंह और नवीन कुमार राय के पास से 54 फर्जी आधार कार्ड, 17 वाहनों का फर्जी रजिस्ट्रेशन कार्ड, स्टांप पेपर ( 20 रुपये, 5 रुपये और 2 रुपये का) 57 पीस, 25 सेट आधार कार्ड एवं वाहनों का रजिस्ट्रेशन और वाहन का पॉलिसी पेपर के अलावा 30 अलग- अलग लोगों का पासपोर्ट साइज का फोटो, तीन मोबाइल और दो पीस स्टेप्लर जब्त किया गया है. गिरोह में 15 से 20 लोग शामिल हैं. जिनमें वकील भी हैं. इसकी जांच करायी जा रही है. जांच में मामला सही पाये जाने पर उन्हें गिरफ्तार किया जायेगा. एसएसपी ने बताया कि आधार कार्ड और वाहन के रजिस्ट्रेशन कार्ड में फोटो बदलकर वे लोग दूसरे का फोटो लगा देते थे. सोमवार को कोर्ट में चेकिंग के दौरान दोनों पकड़े गये थे.

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