गोड्डा के सदर अस्पताल में दूसरे दिन भी प्रसव कराने आयी प्रसूता की मौत हो गयी. प्रसूता पथरगामा के डुमरिया गांव की रहने वाली थी. प्रसूता का नाम सिसारी सोरेन पति राजेश हांसदा था. मौत मंगलवार की सुबह हुई. नवजात भी पेट में ही मर गया था. उपचार के बाद प्रसूता के गर्भ से निकाला गया. प्रसूता की हालत खराब होने के बाद बेहतर उपचार के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया था. महिला की हालत खराब होती जा रही थी. इलाज में लगे चिकित्सकों ने बताया कि प्रसूता एनिमिया से ग्रसित थी. शरीर पीला हो गया था. इसलिए नवजात ने संभवत: गर्भ में ही दम तोड दिया. परिजनों ने बताया कि महिला को अन्यत्र ले जाने को कहा जा रहा था, लेकिन नर्स द्वारा डॉक्टर के आने का इंतजार करने को कहा गया. चिकित्सा कर्मियों के अनुसार बच्चा में ही खराब हो गया था. सुबह हालत बिगड़ने पर चिकित्सक से परामर्श के बाद उपचार के लिए बाहर रेफर किया गया, तभी अस्पताल से कुछ मीटर की दूरी पर प्रसूता की जान चली गयी. हालांकि इस मामले में कोई हंगामा नहीं हुआ. परिजन मृतका को अपने साथ ले गये. इस संबंध में अस्पताल उपाधीक्षक अरविंद कुमार ने बताया कि मरीज सीरियस थी. उपचार के बाद रेफर किया गया था. मरीज के सभी पैरामीटर को देखते हुए इलाज किया गया.
दो दिनों में दो प्रसूता की हो चुकी है मौत
जिले में दो दिनों में दो प्रसूता की मौत हो चुकी है. मालूम हो कि एक दिन पहले चिलौना गांव की प्रतिमा देवी की मौत प्रसव के उपरांत हो गयी थी. वहीं मंगलवार को पुन: दूसरी घटना हो गयी. लगातार इस प्रकार की घटना ने अस्पताल के डिलेवरी वार्ड में उपचार व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है. मालूम हो कि सोमवार की घटना में अस्पताल में काफी हंगामा भी हुआ था. इसको संभालने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. पुलिस परेशान हो गयी. वहीं अस्पताल कर्मियों को भी भारी फजीहत झेलनी पड़ी. लगातार हो रही मौत ने अस्पताल प्रबंधन को कटघरे में खड़ा कर दिया है.
डीसी के निर्देश पर जिला प्रशासन की टीम ने की जांच
प्रसूता की मौत के मामले में सोमवार को डीसी के निर्देश पर एक जांच टीम ने पूरे प्रकरण की जांच की. टीम में जिला आपूर्ति पदाधिकारी सरवन राम सहित चिकित्सक आदि थे. जांच टीम को अस्पताल उपाधीक्षक अरविंद कुमार, डॉ प्रशांत कुमार मिश्रा, महिला चिकित्सक डॉ जयश्री व डॉ राजेंद्र भगत आदि द्वारा सहयोग किया गया. वहीं पूर्व सीएस मोहन पासवान भी टीम में शामिल थे. टीम द्वारा महिला डिलेवरी वार्ड जाकर जांच पड़ताल की गयी. पूरे प्रकरण में शामिल कर्मियों से पूछताछ की गयी. अस्पताल के गार्ड सहित लेबर वार्ड की नर्स आदि से भी गहन पूछताछ की गयी. चिकित्सकों से भी इस मामले में मंतव्य लिया गया था. हालांकि टीम में शमिल अधिकारियों ने किसी प्रकार के रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया है. बताया कि पूरे मामले की रिपोर्ट डीसी व सिविल सर्जन को सौंपी जाएगी. वह इस रिपोर्ट केा प्रकाशित नहीं कर सकते हैं.