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Lok Sabha Election 2024 : कांग्रेस और वामदलों के आधिपत्य वाली बैरकपुर सीट पर अब भाजपा व तृणमूल की लड़ाई

Lok Sabha Election 2024 : बैरकपुर संसदीय क्षेत्र कभी वाममोर्चा का गढ़ हुआ करता था. कालांतर में यह सीट तृणमूल और उसके बाद भाजपा के खाते में आई. हिंसक राजनीति के लिए फिलहाल यह क्षेत्र अधिक जाना जाता है. अर्जुन सिंह के वापस भाजपा में शामिल हो जाने के बाद इस सीट पर बेहद कड़े मुकाबले की संभावना है. तृणमूल और भाजपा उम्मीदवारों को यहां जमीनी स्तर की राजनीति के लिए जाना जाता है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव में जनता का साथ किसे मिलता है.


Lok Sabha Election 2024 : पश्चिम बंगाल के बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र (Lok Sabha Seat) पारंपरिक तौर पर कांग्रेस और वामदलों के आधिपत्य वाला क्षेत्र माना जाता रहा है. लेकिन हाल के वर्षों में देखें तो यहां सीधी लड़ाई भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच है. हिंसा और बमबाजी के लिए कुख्यात यह क्षेत्र जूट मिलों और अन्य कारखानों से सुसज्जित है. 1952 के पहले आमचुनाव में कांग्रेस के रामानंद दास ने यहां से विजय प्राप्त की थी. अगले चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार विमल कुमार घोष विजयी हुए. 1962 के आम चुनाव में माकपा के रेनू देवनाथ और इसी पार्टी के मोहम्मद इस्माइल ने उसके अगले चुनाव में जीत दर्ज की. कांग्रेस ने 1977 के चुनाव में वापसी की और सौगत राय यहां से सांसद बने. मोहम्मद इस्माइल ने उसके अगले चुनाव में वापसी की और 1980 के चुनाव में जीत हासिल की.

2009 के लोकसभा चुनाव में बंगाल में बदलाव की आंधी बहने लगी थी

1984 के चुनाव में कांग्रेस के देवी घोषाल विजयी हुए. लेकिन 1989 से 2004 के चुनाव तक माकपा के तड़ित बरन तोपदार यहां से लगातार विजयी होते रहे. श्री तोपदार माकपा के कद्दावर नेता माने जाते थे. लेकिन 2009 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में बदलाव की आंधी बहने लगी थी. तृणमूल उम्मीदवार दिनेश त्रिवेदी ने 2009 के चुनाव में यहां से जीत हासिल की और सांसद बने. श्री त्रिवेदी को 4.28 लाख वोट मिले. दूसरे स्थान पर रहे तड़ित बरन तोपदार को महज 3.72 लाख वोट मिले. श्री त्रिवेदी को कुल वोटों का 49.28 फीसदी हिस्सा मिला.

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2019 में तृणमूल से भाजपा में गये अर्जुन सिंह ने दर्ज की थी जीत

जबकि श्री तोपदार को 42.84 फीसदी से ही संतोष करना पड़ा. 2014 में भी दिनेश त्रिवेदी ने अपनी सफलता को दोहराया और विजय प्राप्त की. उन्हें 4.79 लाख वोट मिले. कुल वोटों का 45.59 फीसदी हासिल कर उन्होंने माकपा की सुहासिनी अली को दूसरे स्थान पर धकेल दिया. सुहासिनी अली को 2.72 लाख वोट मिले थे. लेकिन 2019 में तृणमूल से भाजपा में गये अर्जुन सिंह ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और दिनेश त्रिवेदी को परास्त किया. बैरकपुर की राजनीति से ओत-प्रोत तरीके से जुड़े अर्जुन सिंह को इस चुनाव में 4.72 लाख वोट मिले. उन्होंने जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी कर रहे दिनेश त्रिवेदी को दूसरे स्थान पर धकेल दिया. दिनेश त्रिवेदी को 4.58 लाख वोट मिले. अर्जुन सिंह को जहां कुल मतदान का 42.82 फीसदी मिला वहीं दिनेश त्रिवेदी को 41.48 फीसदी मिला.

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अर्जुन ने लिया मुकुल राय का आशीर्वाद

कभी बंगाल के राजनीतिक चाणक्य के तौर पर ख्याति प्राप्त मुकुल राय फिलहाल अस्वस्थ चल रहे हैं. बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा का उम्मीदवार बनने के बाद अर्जुन सिंह ने मुकुल राय से मुलाकात की. कांचरापाड़ा स्थित मुकुल राय के घर अर्जुन सिंह गये. साथ में फूलों का गुलदस्ता भी ले गये. अर्जुन को देखकर मुकुल काफी खुश हुए. दोनों के बीच कुछ देर तक बातचीत हुई. बाद में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेता मुकुल राय के घर जाकर उनका आशीर्वाद लिया. उनके साथ उनका संबंध आज का नहीं बल्कि काफी पुराना है. उन्होंने विजयी भव कहकर उन्हें उत्तरीय भी पहनाया. अर्जुन सिंह ने कहा कि उन्हें मुकुल राय ने कहा है कि वही जीतेंगे. गौरतलब है कि तृणमूल उम्मीदवार पार्थ भौमिक ने भी कुछ दिन पहले मुकुल राय के घर जाकर आशीर्वाद लिया था.

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अर्जुन सिंह के लौट आने से भाजपा को मिली ताकत

पारंपरिक तौर पर इस लोकसभा क्षेत्र में भाजपा कभी मजबूत नहीं रही. 2009 के लोकसभा चुनाव को देखें तो भाजपा उम्मीदवार प्रभाकर तिवारी को महज 30 हजार 970 वोट ही मिले थे. कुल वोटों का उन्हें 3.56 फीसदी ही मिला था. 2014 में केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बनी थी. लेकिन बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवनार रमेश कुमार हांडा तीसरे स्थान पर रहे. उन्हें जरूर 2.30 लाख वोट मिले थे लेकिन कुल वोटों का वह महज 21.92 फीसदी ही था. लेकिन 2019 में अर्जुन सिंह के भाजपा में आने के बाद उन्होंने यहां से जीत दर्ज की. यही नहीं भाटपाड़ा से अर्जुन सिंह के बेटे पवन कुमार सिंह भी भाजपा के टिकट पर विधायक बने. तृणमूल कांग्रेस ने इस बार बैरकपुर लोकसभा सीट के लिए जहां पार्थ भौमिक को टिकट दिया है वहीं भाजपा ने अर्जुन सिंह को टिकट दिया है. चुनाव में जोरदार मुकाबले की संभावना जतायी जा रही है.

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भाजपा में वापसी कर पार्टी के लिए अर्जुन सिंह कर रहे 80% सीटों की भविष्यवाणी


बैरकपुर से भाजपा के टिकट पर 2019 में चुनाव जीतने वाले अर्जुन सिंह एक बार फिर से तृणमूल में आ गये हैं. दरअसल 2019 में उनके बदले तृणमूल ने दिनेश त्रिवेदी को टिकट दिया था. इसके बाद उन्होंने भाजपा का दामन थामा था. चुनाव में उन्होंने जीत भी दर्ज की. हालांकि करीब डेढ़ वर्ष पहले वह वापस तृणमूल में लौट गये. लेकिन 2019 की पुनरावृत्ति एक बार फिर से 2024 में देखने को मिली. लोकसभा चुनाव में बैरकपुर सीट से अर्जुन सिंह को दरकिनार करते हुए तृणमूल ने नैहाटी के विधायक तथा राज्य के सिंचाई मंत्री पार्थ भौमिक को टिकट दिया. टिकट न मिलने के बाद अर्जुन सिंह ने कहा थै कि तृणमूल में लौटते वक्त ही उन्होंने पार्टी से कहा था कि वह बैरकपुर से ही चुनाव लड़ेंगे. बैरकपुर के बाहर नहीं. टालमटोल करते हुए आखिरकार टिकट नहीं दिया गया. इसके बाद श्री सिंह फिर से भाजपा में शामिल हुए. भाजपा का झंडा थामने के बाद उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इस बार भाजपा बंगाल में 80 फीसदी सीटें जीत जायेगी. वह राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 35 में जीत हासिल करेगी.

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पार्थ के बयान से विवाद

बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र से तृणमूल के उम्मीदवार तथा नैहाटी के विधायक पार्थ भौमिक के बयान से विवाद हो गया है. चुनावी सभा में अपने बयान के जरिये उन पर पुरस्कार का ‘लालच’ देने का आरोप लगा है. भाजपा ने इस पर पुरजोर विरोध भी जताया है. दरअसल एक सभा में पार्थ भौमिक ने तथाकथित तौर पर कहा कि पंचायतों के लिए घोषणा की गयी है. सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि यह उनकी घोषित नीति है. जो पंचायत इलाके चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को जितायेंगे उन पंचायतों के आवास योजना का पैसा दिसंबर के भीतर ही ममता बनर्जी दे देंगी. जो पंचायत चुनाव में तृणमूल लीड देंगे उनकी आवास योजना का पैसा दे दिया जायेगा. इसलिए पंचायतों में प्रतियोगिता हो. नगरपालिकाओं में भी यही है.2024 में भी प्राइज मिलेगा. उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल फैल गयी है.

शीलभद्र दत्त ने पार्थ भौमिक पर किया था कटाक्ष

प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता शीलभद्र दत्त ने कहा कि पार्थ भौमिक को पता है कि उन्हें वोट नहीं मिलेंगे. इसलिए वह लालच और प्रलोभन के जरिये वोट खरीदने की कोशिश कर रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस की यही संस्कृति है. आवास योजना का पैसा किसी भी पंचायत को पहले या बाद में नहीं दिया जा सकता. यह केंद्र सरकार का पैसा है. पार्थ भौमिक को अच्छी तरह पता है कि जीतने की संभावना नहीं है इसलिए लोगों को गलत समझाकर सभी तरह की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि यह आदर्श चुनावी आचरण विधि का उल्लंघन है.

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बैरकपुर के 07 विधानसभा क्षेत्र

  • आमडांगा तृणमूल रफीकुर रहमान
  • बीजपुर तृणमूल सुबोध अधिकारी
  • नैहाटी तृणमूल पार्थ भौमिक
  • भाटपाड़ा भाजपा पवन कुमार सिंह
  • जगदल तृणमूल सोमनाथ श्याम
  • नोआपाड़ा तृणमूल मंजू बसु
  • बैरकपुर तृणमूल राज चक्रवर्ती

मतदाताओं के आंकड़े

  • कुल मतदाता 1433276
  • पुरुष मतदाता 739354
  • महिला मतदाता 693893
  • थर्ड जेंडर 000029

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