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Digilocker: डिजीलॉकर के लिए विश्वविद्यालय ने तैयार किये सर्टिफिकेट के आठ मॉड्यूल

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय ने डिजी लॉकर के लिए डिग्री के आठ मॉड्यूल तैयार कर लिये हैं. यूजी और पीजी के साथ ही पीएचडी के लिए डिग्री का अलग फॉर्मेट रहेगा. विश्वविद्यालय से जो सर्टिफिकेट की हार्ड कॉपी दी जायेगी, वह पुराने फॉर्मेट में ही रहेगा.

Digilocker:डिजी लॉकर में कोर्स के अनुसार अलग-अलग फॉर्मेट में डिग्री अपलोड की जायेगी. बीआरए बिहार विश्वविद्यालय ने डिजी लॉकर के लिए डिग्री के आठ मॉड्यूल तैयार कर लिये हैं. यूजी और पीजी के साथ ही पीएचडी के लिए डिग्री का अलग फॉर्मेट रहेगा. खास बात यह कि पीजी के लिए दो फॉर्मेट बनाया गया है, जबकि यूजी के लिए पांच फॉर्मेट तैयार किया गया है.

बीआरएबीयू: यूजी, पीजी और पीएचडी की डिग्री का होगा अलग-अलग फॉर्मेट

परीक्षा नियंत्रक प्रो टीके डे ने बताया कि डिजिलॉकर गवर्नमेंट ऑफ इंडिया से अप्रूव्ड है. डिजी लॉकर के लिए सर्टिफिकेट का अलग-अलग फॉर्मेट गवर्नमेंट ऑफ इंडिया से ही तैयार किया गया है. इसमें पीएचडी के लिए अलग तरह का मॉड्यूल बनाया गया है. वहीं पीजी के लिए दो फॉर्मेट है, एक सेमेस्टर सिस्टम यानि सीबीसीएस का और दूसरा पूर्व में संचालित दो वर्षीय पाठ्यक्रम यानि मार्क्स सिस्टम का. इसी तरह यूजी के लिए चार फॉर्मेट तैयार किये गये हैं. एक माड्यूल पूर्व में संचालित तीन वर्षीय स्नातक कोर्स के लिए बनाया गया है, जो मार्क्स सिस्टम है. वहीं, चार वर्षीय स्नातक कोर्स के लिए तीन तरह के मॉड्यूल बनाये गये हैं. डिप्लोमा, डिग्री और सर्टिफिकेट का फॉर्मेट बनाया गया है. दो वर्ष, तीन वर्ष या चार वर्ष की पढ़ाई पूरी करने के बाद विद्यार्थी चाहेंगे, तो उन्हें यह दिया जायेगा.

हार्ड कॉपी के फॉर्मेट में नहीं होगा कोई बदलाव

विश्वविद्यालय की ओर से जारी किये जाने वाले सर्टिफिकेट के फॉर्मेट में कोई बदलाव नहीं किया जायेगा. परीक्षा नियंत्रक प्रो टीके डे ने बताया कि डिजी लॉकर में जो सर्टिफिकेट अपलोड किया जायेगा, उसी का फॉर्मेट अलग रहेगा. विश्वविद्यालय से जो सर्टिफिकेट की हार्ड कॉपी दी जायेगी, वह पुराने फॉर्मेट में ही रहेगा. परीक्षा विभाग का प्रयास रहेगा कि रिजल्ट जारी करने के निर्धारित अवधि में हार्ड कॉपी भी प्रिंट कराकर विद्यार्थियों को उपलब्ध करा दी जाये.

वर्तमान सत्र के छात्रों को डिजी लॉकर में मिलेगी डिग्री

परीक्षा विभाग की ओर से वर्तमान सत्र यानी 2022-23 के छात्रों को डिजी लॉकर में डिग्री देने की योजना है. इसको लेकर तेजी से काम चल रहा है. परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि पिछले साल उत्तीर्ण छात्रों की करीब एक लाख डिग्री तैयार हो गयी है. प्रयास किया जा रहा है कि पिछले दो-तीन सालों में जिन छात्रों ने डिग्री के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है, उनकी डिग्री का डिजिटल फॉर्मेट तैयार कर डिजी लॉकर में अपलोड कर दिया जाये.

रजिस्ट्रेशन के बाद चल रहा वेरिफिकेशन, नोटिफिकेशन जल्द
विश्वविद्यालय ने डिजी लॉकर के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी कर ली है. अब गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के स्तर से वेरिफिकेशन चल रहा है. परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि डिजी लॉकर के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन होने के बाद गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की ओर से वेरिफिकेशन किया जा रहा है. इसमें संस्थान सहित परीक्षा नियंत्रक व अन्य बिंदुओं पर पड़ताल होती है. डिजी लॉकर का प्रस्ताव विश्वविद्यालय के परीक्षा बोर्ड से स्वीकृत हो चुका है. गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की मंजूरी मिलने के बाद नोटिफिकेशन किया जायेगा.

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