Bihar Weather : भागलपुर में इस बार अप्रैल महीने में ही मई-जून जैसी गर्मी आ गयी है. जिले का मौसम गुरुवार को और गर्म हो गया. तापमान धीरे-धीरे 40 डिग्री की ओर बढ़ता जा रहा है. गर्म पछिया हवा चलने से दोपहर के समय सड़क पर निकले लोगों का गला सूखता रहा. दोपहर में अधिकतम तापमान 38 डिग्री व तड़के सुबह में न्यूनतम तापमान 18 डिग्री रहा. हवा में नमी की मात्रा घटकर 39 प्रतिशत तक हो गयी. धूल भरी शुष्क पछिया हवा 13 किमी प्रतिघंटे की गति से चलती रही.
चल रही पछिया
बीएयू सबौर के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के नोडल पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार ने बताया कि पांच से नौ अप्रैल के बीच भागलपुर में अधिकतम व न्यूनतम तापमान में वृद्धि बनी रह सकती है. इस दौरान आसमान साफ रहेगा. पछिया हवा चलती रहेगी. इसकी औसत गति सात से 11 किलोमीटर प्रतिघंटे रह सकती है. इस दौरान बारिश की संभावना नहीं है.
आठ व नौ अप्रैल को भागलपुर व आसपास के कुछ स्थानों पर हल्की बारिश या बूंदाबांदी की संभावना है. किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि सब्जियों व मक्का की फसल में आवश्यकता अनुसार सिंचाई कर सकते हैं. परिपक्व गेहूं की फसल की कटाई शीघ्र करें और काटे हुए फसल को सुरक्षित स्थान में रखें.
अचानक गर्मी बढ़ने सूखने लगे आम व लीची के मंजर
भागलपुर व आसपास क्षेत्रों में अचानक गर्मी बढ़ने के कारण आम व लीची के मंजर सूखकर काले पड़ने लगे. इतना ही नहीं फल सूखकर गिरने लगे. ऐसे में किसानों की परेशानी बढ़ गयी है. इस परिस्थिति में पौधा संरक्षण विभाग ने किसानों को सजग रहने का दिशा-निर्देश दिया है.
आम उत्पादक किसान कृष्णानंद सिंह ने बताया कि इस साल भी मंजर ठीक ठाक आया है. लगातार तापमान बढ़ने से आम के मंजर सूखने लगे और काले पड़ने लगे. सौरभ राय ने बताया कि लीची के मंजर भी सूख रहे हैं. इसे बचाने के लिए लगातार पानी के साथ जरूरी दवा का छिड़काव किया जा रहा है, ताकि तापमान बना रहे और कीट के प्रकोप से बचा जा सके. गर्मी का प्रकोप इसी तरह रहा तो नये मंजर में फूलों की संख्या कम लगेगी और पराग की प्रक्रिया प्रभावित होगी.
आम उत्पादन कम होने की आशंका
इससे उत्पादन कम होने की आशंका है. हालांकि कई किसानों ने बताया कि आम में मंजर आने से पहले बगीचे में सिंचाई करने से आम के मंजर को कम क्षति पहुंच रही है. मंजर को सुरक्षित रखने और अच्छी पैदावार के लिए पौधा संरक्षण विभाग के सहायक निदेशक सुजीत कुमार पाल ने कहा कि सही देखभाल से मंजर को बचाने की जरूरत है.
आम के पेड़ में मधुवा रोग लगने लगे हैं. छोटा स्लेटी और गहरे रंग का फुदकने वाला कीट बढ़ने लगा है. यह छोटे और वयस्क दोनों ही आम के मंजरों नई शाखाओं और पत्तियों का रस पी रहा है. इस कारण मंजर सूख रहे हैं. फल भी सूख कर गिर रहे हैं. यह कीट एक चिपकने वाला मधु जैसा पदार्थ पैदा करता है. इससे पत्तियों पर काली फफूंद जम जाती है और पूरा पत्ता काला हो जाता है.
कब करें कीटनाशक का छिड़काव
कीट से बचने के लिए कीटनाशक का छिड़काव अप्रैल से मई माह तक तीन बार किया जाना चाहिए. छिड़काव के लिए लेंबडा साई एलोथ्रीन एक एमएल प्रति लीटर या रोगर दो एमएल प्रति लीटर की दर से प्रति व्यस्क पेड़ की दर से 25 लीटर घोल बनाकर उससे मंजर, पेड़ की टहनी, डंठल और पत्ते पर भी इतना छिड़काव करें. छिड़काव ऐसे करें कि पूरा पेड़ भींग जाये.
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