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जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में बनाये गये दो बेडों के वातानुकूलित पीकू वार्ड

चमकी की धमक से निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है. इससे निबटने के लिए जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में दो बेडों के वातानुकूलित पीकू वार्ड बनाये गये हैं. वहीं जिले के चयनित 132 गांवों में सिंथेटिक पायराइड का छिड़काव किया जायेगा. जबकि, जेइ व एमआर वैक्सीन से वंचित नौ माह से 10 साल तक के बच्चों की ड्यू लिस्ट तैयार की जा रही है.

सीवान. बदल रहे मौसम के बीच चमकी बुखार की संभावनाओं को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग चमकी, एइएस एवं जापानी बुखार बीमारी के संक्रमण से निबटने के संबंध में अलर्ट मोड में आ गया है. सीमावर्ती गोपालगंज जिले में चंकी के मरीज मिलने पर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. राज्य के सात के संक्रमित जिलों में सीवान भी शामिल है जहां पर चमकी, एइएस एवं जेइ के मरीज मिलने की संभावना है. जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं रेफरल अस्पतालों में दो बेड, अनुमंडलीय अस्पताल में पांच बेड तथा सदर अस्पताल में आठ बेड का चमकी, एइएस एवं जेइ बीमारी से संक्रमित बच्चों को भर्ती करने के लिए पीकू वार्ड बना दिया गया है. संक्रमण को रोकने के लिए मलेरिया विभाग द्वारा जिले के चयनित 132 गांवों में सिंथेटिक पायराइड का छिड़काव किया जायेगा. जिला प्रतिरक्षण विभाग के जेइ एवं एमआर वैक्सीन से वंचित नौ माह से 10 साल तक के बच्चों की ड्यू लिस्ट बना रहा है. लिस्ट बन जाने के बाद इन बच्चों को टीके लगाये जायेंगे. जिला वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डॉ एमआर रंजन ने बताया कि चमकी, एइएस एवं जापानी बुखार का अगर कोई संदिग्ध मरीज मिलता है, तो सबसे पहले आशा कार्यकर्ता उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करायेंगी. उन्होंने बताया कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों में 29 दवाओं की किट उपलब्ध करायी गयी है. उन्होंने बताया कि गंभीर स्थिति में मरीज को सदर अस्पताल रेफर किया जायेगा.

मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना से परिचालित एंबुलेंसों को किया गया टैग

चमकी, एइएस एवं जेइ दिमागी पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना अंतर्गत परिचालित एंबुलेंसों का प्रत्येक पंचायत के साथ टैगिंग करने के लिए सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया है. विभाग द्वारा निर्देश दिया गया है कि संबंधित जिला परिवहन पदाधिकारी से संपर्क स्थापित कर मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना अंतर्गत परिचालित एंबुलेंसों की जिलावार सूची, संचालक के मोबाइल नंबर के साथ प्राप्त कर उक्त एंबुलेंसों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र वार प्रत्येक पंचायत के साथ टैगिंग कराना सुनिश्चित करें. साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर टैगिंग किये गये वाहनों एवं उनके संचालकों के मोबाइल नंबर का सार्वजनिक जगहों पर प्रकाशन कराते हुए पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों, आशा वर्कर्स को इस संबंध में सूची एवं सूचना उपलब्ध करायी जाये.

जैपनीज इंसेफलाइटिस बीमारी के लक्षण

जेइ बीमारी में सिर दर्द के साथ बुखार को छोड़कर हल्के संक्रमण में और कोई प्रत्यक्ष लक्षण नहीं होता है. गंभीर प्रकार के संक्रमण में सिर दर्द, तेज बुखार, गर्दन में अकड़न, घबराहट, कोमा में चले जाना, कंपकंपी, कभी-कभी ऐंठन और मस्तिष्क निष्क्रिय, पक्षाघात होता है. जापानी एंसेफेलाइटिस की संचयी काल अवधि सामान्यतः 5 से 15 दिन होती है. इसकी मृत्यु दर 0.3 से 60 प्रतिशत तक है.

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