मधुबनी. बिजली विभाग के हाल निराले हैं. विभाग के अधिकारी उपभोक्ता के घर नहीं पहुंचते तो सालों साल तक सुधि नहीं लेता. और जब पहुंचते हैं तो पूरे लाव लश्कर के साथ. जैसे उपभोक्ता न हो किसी इनामी अपराधी के घर छापेमारी करना हो. बिजली विभाग मार्च महीने में भले ही राजस्व का लक्ष्य से ज्यादा प्राप्त कर बिहार में स्थान बना लिया है. लेकिन उपभोक्ताओं के साथ विभाग का व्यवहार बहुत ही खराब होता जा रहा है. कार्यशैली पर सवालिया निशान उठना शुरु हो गया है. सैकड़ो ऐसे उपभोक्ता हैं, जिनके घर का मीटर रीड सालों साल तक नहीं होता, अचानक कभी पहुंच कर बिजली का कनेक्शन काट देती है. उपभोक्ता बिल को देखकर ही परेशान हो जाते है. मार्च महीने में विभाग के द्वारा लगभग चार हजार उपभोक्ताओं का बिजली बकाया को लेकर काट दिया गया. उपभोक्ताओं की शिकायत दर्ज होने के बाद भी विभाग राशि जमा करने का दबाव बना कर बिजली काट दी. मीटर रीडिंग नहीं होने की शिकायत के बाद भी नही हो रहा रीडिंग नगर निगम वार्ड 9 के उपभोक्ता आरके मिश्र ने कहा कि बीते पांच छह साल से मीटर का रीडिंग नहीं हो रहा. कई बार कार्यपालक अभियंता के कार्यालय में जाकर इस समस्या से अवगत कराते हुए मीटर रीड करने को कहा गया. पर समस्या का निदान नहीं हो सका. अचानक विभाग के अधिकारी पहुंच कर कनेक्शन काट दिये. विभाग में पता करने पर यह जानकारी दी गयी की करीब दो लाख का बकाया है. आर के मिश्र का आरोप है कि विभाग उपभोक्ता से नियमित बिल देकर राशि नहीं लेती है. जब मोटा रकम हो जाता है, तब लाइन काटने की धमकी के साथ ही प्राथमिकी दर्ज करने का डर दिखा कर राशि वसूल करती है. इसी प्रकार पी के मिश्र बताते हैं कि सुविधा ऐप के माध्यम से नया कनेक्शन लेने के लिए आवेदन दिया. आवेदन के बाद आज तक नया कनेक्शन नहीं दिया गया. किरासन तेल मिलता नहीं, जेनरेटर भी अब गांव में कम चलता है. ऐसे में आस पास के लोगों से घर में रौशनी के लिये बल्व का एक प्वाइंट लेकर काम चला रहे हैं. जितवारपुर के कृष्ण कांत झा ने कहा कि मैं 2018 में ही मीटर जलने के शिकायत किया. विभाग के कर्मी 2019 में बकाया को लेकर बिजली काट दी. फिर 2024 में विभाग से 1 लाख 80 हजार का बिजली बिल आ गया. इस बाबत जब हम शिकायत किया कि मेरे बिजली बिल में गड़बड़ी है उसको सुधार कर बिल दिया जाय तो विभाग केस कर देने का भय दिखाकर राशि को किश्त में बांटकर पूरी राशि जमा करने का फरमान जारी कर दिया है. केस चार: जितवारपुर के ही जितेंद्र झा, देवानंद झा व विष्णुकांत झा ने कहा कि हम लोग विभाग से बिजली बिल मांगते रह गए, लेकिन विभाग बिल नहीं दिया. मार्च में अचानक विभाग के मिस्त्री बकाया को लेकर बिजली काट दी. तब गहना बंधक रखकर विभाग को राशि जमा किया. इनलोगों की शिकायत अभी भी है कि विभाग हम लोगो का जला मीटर को बदल कर पहले स्मार्ट मीटर लगा दे. ताकि हमलोग नियमित रुप से अपना राशि जमा कर सके. उपभोक्ताओं की शिकायत है कि विभाग जिस तरह मार्च में राशि को लेकर दबाव बनाता है. अगर प्रत्येक माह बिजली बिल मिल जाय तो राशि जमा करने में आसानी होगा.लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. इस बाबत जब बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता मो.अरमान से बात किया तो उनका कहना था कि विभाग से जब भी कनेक्शन दिया जाता है. उपभोक्ता को एक पिला पर्ची दी जाती है.पर्ची पर उपभोक्ता संख्या व मीटर नंबर लिखा रहता है. उन्होंने कहा कि विभाग से सभी उपभोक्ता को उसके निबंधित मोबाइल पर बिल भेज दिया जाता है. उपभोक्ता समय से बिजली बिल जमा नहीं करते हैं. मार्च महीने में विभाग को राजस्व का ज्यादा दबाव रहता है. बकाया वसूली के लिए उपभोक्ताओं पर दबाव बनाती है. उपभोक्ता के परेशानी का समाधान किया जाता है.
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नियमित मीटर रीडिंग नहीं करता विभाग, अचानक लाखों का बकाया बता काट रही बिजली
बिजली विभाग मार्च महीने में भले ही राजस्व का लक्ष्य से ज्यादा प्राप्त कर बिहार में स्थान बना लिया है.जिनके घर का मीटर रीड सालों साल तक नहीं होता, अचानक कभी पहुंच कर बिजली का कनेक्शन काट देती है.
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