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मरीजों को दवा लिखने की गाइडलाइन तय, नहीं मानने वाले डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई

निदेशक डॉ राजकुमार ने डॉक्टरों से नैतिकता का ख्याल रखकर मेडिकल प्रैक्टिस करने से संबंधित आदेश जारी किया है.

रांची. रिम्स ओपीडी में परामर्श लेने आये और भर्ती मरीजों के लिए दवा लिखने की प्रबंधन ने नयी गाइडलाइन बनायी है. निदेशक डॉ राजकुमार ने डॉक्टरों से नैतिकता का ख्याल रखकर मेडिकल प्रैक्टिस करने से संबंधित आदेश जारी किया है. इसके तहत रिम्स में उपलब्ध दवाओं से ही मरीजों का यथासंभव इलाज सुनिश्चित कराने काे कहा गया है. कहा कि विभागाध्यक्ष और यूनिट इंचार्ज दवाओं की आवश्यकता के हिसाब से 15 दिन पहले ही दवाओं का स्टॉक मंगा लें. अगर स्टोर रूम में दवाएं उपलब्ध नहीं है, तो मरीजों को जेनेरिक दवाएं भी लिखें.

वहीं, डॉक्टरों को बीमारी के निदान के लिए जेनेरिक की जगह ब्रांडेड दवाएं ही लिखने की आवश्यकता पड़ रही है, तो अमृत फार्मेसी में उपलब्ध ब्रांडेड दवाएं लिखें. प्रबंधन ने यह भी आदेश दिया है कि ओपीडी में डॉक्टर अपनी पर्ची पर अपना नाम एवं मुहर लगाना भी सुनिश्चित करें. अगर इन निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है, तो इसे अनैतिक मेडिकल प्रैक्टिस माना जायेगा. वहीं, इसके तहत डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

ब्रांडेड दवाएं ही लिखते हैं सीनियर और जूनियर डॉक्टर

रिम्स में सीनियर और जूनियर डॉक्टरों पर अक्सर मरीज के परिजन आरोप लगाते हैं कि वह ब्रांडेड दवाएं ही लिखते हैं. इसके अलावा किसी खास दवा दुकान पर ही यह दवाएं मिलती है. अमृत फार्मेसी या अन्य दवा दुकान से दवा खरीदकर लाने पर इसे स्वीकार नहीं किया जाता है. रिम्स प्रबंधन द्वारा लगातार ऐसी शिकायत मिलने पर यह निर्देश जारी किया गया है.

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