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Bihar: सीमांचल में बैकफुट पर ओवैसी, AIMIM ने पूर्णिया व कटिहार से दावेदारी वापस ली

Bihar: ओवैसी की पार्टी AIMIM ने बिहार में करीब दस सीटों पर से अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है. खासकर सीमांचल के पूर्णिया और कटिहार से भी पार्टी ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है.

Bihar: पटना. लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में बड़ा सियासी उलटफेर हुआ है. सीमांचल में अपनी मजबूत पैठ रखने वाले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन AIMIM बैकफुट पर आ गयी है और अब वो केवल किशनगंज और अररिया सीट पर चुनाव लड़ेगी. पार्टी ने पूर्णिया और कटिहार से अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख़तरूल ईमान ने कहा है कि AIMIM सीमांचल की दो सीटों पर ही लोकसभा का चुनाव लड़ेगी, जबकि AIMIM ने कुछ दिनों पहले ही दावा किया था कि AIMIM बिहार में 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

समान विचारधारा वाले दल को देंगे समर्थन

अख़तरूल ईमान ने कहा है कि उनकी पार्टी दो सीटों को छोड़कर शेष सीटों पर समान विचारधारा व सांप्रादायिक ताकतों से लड़ने वाले उम्मीदवार को अपना समर्थन देने पर विचार की है. किशनगंज लोकसभा सीट से अमौर के विधायक तथा एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान खुद चुनाव लड़ेंगे. पार्टी इसके पहले गया लोकसभा सीट से अपनी उम्मीदवारी वापस ले चुकी है. पूर्णिया सीट पर आरजेडी (बीमा भारती) और जेडीयू (संतोष कुशवाहा) के बीच पहले सीधी टक्कर थी, लेकिन पप्पू यादव ने गुरुवार को इस सीट से नामांकन कर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है. वहीं कटिहार लोकसभा सीट की बात करें तो यहां सीधा मुकाबला कांग्रेस (तारिक अनवर) और जेडीयू (दुलाल चंद गोस्वामी) के बीच है. कटिहार और पूर्णिया सीट पर दूसरे चरण के दौरान 26 अप्रैल को मतदान होगा.

सीमांचल में है जनाधार

एआईएमआईएम ने सीमांचल खासकर किशनगंज, अररिया और पूर्णिया में अच्छा-खासा जनाधार बनाया है. 2020 के पिछले विधानसभा चुनाव में उसने तीनों जिलों में जीत का स्वाद भी चखा. उसके पांच विधायक जीते. इनमें किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में बहादुरगंज, कोचाधामन, अमौर और बायसी जबकि अररिया लोकसभा क्षेत्र में जोकीहाट में उनका विधायक जीता था. हालांकि तकनीकी रूप से अमौर व बायसी पूर्णिया जिले के प्रखंड हैं, लेकिन किशनगंज लोकसभा के
क्षेत्र हैं. किशनगंज लोकसभा सीट से अमौर के विधायक व एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान खुद चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने पिछली बार भी किशनगंज से ही लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन त्रिकोणात्मक लड़ाई में यहां से कांग्रेस की जीत हुई थी.

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महागठबंधन को बड़ी राहत

AIMIM की घोषणा से महागठबंधन को बड़ी राहत मिली है और जो मुस्लिम वोटरो में बंटवारे के हालात बन सकते है थे, अब वो नहीं होने की संभावना बढ़ गई है. AIMIM के इस एलान के बाद जदयू ने AIMIM पर तीखा हमला बोला है और आरोप लगाया है कि AIMIM ने पैसे लेकर उम्मीदवार वापस ले लिया है. जदयू MLC खालिद अनवर ने AIMIM पर आरोप लगाया है कि AIMIM के इस एलान से साफ है कि पार्टी या तो महागठबंधन के साथ सहयोगी हो गई है या तो फिर पैसे का खेल हुआ है, लेकिन जनता सब देख रही है कि कैसे परिवारवादी और भ्रष्ट पार्टी के समर्थन में AIMIM खड़ी होती दिख रही है.

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