The Social Paathshala: बुजुर्गों को तकनीकी रूप से स्मार्ट बनाने के लिए टेक कंपनी ‘द सोशल पाठशाला’ अहम भूमिका निभा रही है. यह कहना है ‘द सोशल पाठशाला’ की फाउंडर महिमा भलोटिया का. इटली के मिलान से मास्टर्स इन लक्जरी गुड्स एंड सर्विस मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट महिमा भलोटिया ने बताया कि ‘द सोशल पाठशाला’ बुजुर्गों के लिए ऑनलाइन सत्र प्रदान करती है. उन्होंने बताया कि दुनिया भर में द सोशल पाठशाला के तहत 4000 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है. प्रशिक्षित लोग अब खुद ही स्मार्टफोन चलाते हैं.
उन्हें किसी की मदद लेने की जरूरत नहीं पड़ती है. महिमा ने बताया कि सोशल पाठशाला के हर सत्र में अधिकतम 25-30 प्रतिभागी होते हैं, जहां प्रशिक्षक सभी प्रतिभागियों के आशंकाओं का हर संभव समाधान करते हैं. उन्होंने बताया कि सोशल पाठशाला नये युग की पहल है, जिसका लक्ष्य देश के वृद्धों को तकनीकी रूप से जानकार बनाना है. अपनी भविष्य की योजनाओं को लेकर उन्होंने बताया कि मैं इस पहल को दुनिया भर में विस्तार देना चाहती हूं, क्योंकि मैं जानती हूं कि दुनिया में बहुत सारे वृद्ध ऐसे हैं, जो आज भी डिजिटली रूप से सशक्त नहीं हैं.
ऐसे आया था द सोशल पाठशाला का आइडिया
द सोशल पाठशाला का आइडिया सबसे पहले संस्थापक महिमा भालोटिया के मन में आया, जब उन्होंने देखा कि उनके बॉस को उनकी मां से लगातार फोन आ रहे थे – उन्हें उबर या ओला बुक करने में मदद करने के लिए.हालाँकि, पेशेवर प्रतिबद्धता ने महिमा को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया.
जानें महिमा भालोटिया के बारे में
महिमा भालोटिया ने प्रतिष्ठित एमआईपी पोलिटेकनिको डि मिलानो – मिलान, इटली से लक्जरी सामान और सेवा प्रबंधन में मास्टर्स पूरा किया.उनके पास दुनिया के लोकप्रिय आतिथ्य ब्रांड – मैरियट इंटरनेशनल के लिए विपणन और संचार को संभालने का व्यापक अनुभव है. मैरियट इंटरनेशनल में, वह मार्केटिंग अभियानों के सफल कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार थीं और उन्हें प्रतिष्ठित मैरियट इंडिया बिजनेस काउंसिल अवार्ड्स में ‘वर्ष 2019 का कर्मचारी’ के रूप में नामांकित किया गया था.