एक्शन प्लान बनाकर पूरे शहर में निर्बाध जलापूर्ति का दावा करने वाले नगर निगम का हाल यह रहा कि निगम के कर्मचारियों को ही शुक्रवार को प्यासे रहना पड़ा. कार्यालय परिसर के बोरिंग के जले मोटर को दुरुस्त नहीं कराने से पानी के लिए त्राहिमाम की स्थिति बनी रही. जबकि बीते दिनों बैठक कर गर्मी में शहर में निर्बाध जलापूर्ति के लिए एक्शन प्लान बनाया गया है. कंट्रोल रूम संचालन करने तक का फैसला लिया गया है. सवाल यह उठता है कि जिनके कर्मचारी ही प्यासे रहे, तो वह पूरे शहर को पानी पिलाने में किस तरह से सक्षम हो सकते हैं. जलसंकट को ले निगम की तैयारी आधी-अधूरी शहरवासियों पर भारी पड़ सकती है. धीरे-धीरे तीखी होती जा रही धूप, गर्म हवा से सूखते कंठ को भिगोने के लिए शहरवासियों को संघर्ष करना पड़ सकता है.
बोतल के पानी के भरोसे निगम कर्मियों का कटा दिन
निगम कार्यालय में पेयजल किल्लत की वजह से कर्मचारियों को बाहर से बिकने वाले बोतल बंद पानी के भरोसे रहना पड़ा. नगर निगम के करीब सभी कार्यालयों के अलावा मेयर कार्यालय के कर्मचारियों को पानी के लिए तरसना पड़ा. यहां आने वाले लोगों को भी पीने के पानी की समस्या झेलनी पड़ी. सबसे खराब स्थिति टॉयलेट की थी. पानी की आपूर्ति पूरी तरह से ठप होने की वजह से कर्मचारी वहां जाने से भी परहेज कर रहे थे. निगमकर्मियों ने कहा कि ट्यूबवेल का मोटर खराब होने की वजह से नगर निगम में पानी की आपूर्ति में थोड़ी दिक्कत रही. शाम तक ठीक कराने का प्रयास किया गया है. मामले को लेकर नगर निगम के जलकल शाखा प्रभारी जय प्रकाश यादव ने कहा कि कार्यालय परिसर के बोरिंग का मोटर जल गया है. इसको खोल लिया गया है. शनिवार को यह दुरुस्त हो जायेगा और इसके फिट होने पर जलापूर्ति होने लगेगी. इसके बाद पानी ही समस्या नहीं रहेगी.