रांची. तपती धूप के बीच शुक्रवार को राजधानी के विभिन्न मस्जिदों में अलविदा जुमे की नमाज अदा की गयी. नमाज अदा करने के लिए लोग अजान के वक्त से ही मस्जिदों में पहुंचने लगे थे. धीरे-धीरे मस्जिदों में भीड़ होने लगी. अजान समाप्त होने के बाद तकरीर शुरू हुई. इसके बाद मस्जिदों और ईदगाहों में होनेवाली ईद की नमाज के समय की जानकारी भी दी गयी. एकरा मस्जिद में मुफ्ती मोहम्मदुल्लाह कासमी ने नमाज अदा करायी. यहां अधिक भीड़ होने के कारण मस्जिद के बाहर सड़क पर लोगों को नमाज अदा करनी पड़ी. सुरक्षा और सामान्य यातायात व्यवस्था के लिए काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. मुफ्ती कासमी ने सदका-ए-फित्र के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि यह सबके लिए जरूरी है. उन्होंने कहा कि सदका-ए-फित्र अदा करने से रोजा के दौरान होनेवाली गलती से माफी मिलती है. साथ ही जरूरतमंदों को भी मदद मिलती है और वे भी ईद की खुशी में शामिल हो पाते हैं. यहां ईद की नमाज सुबह आठ बजे अदा की जायेगी.
अल्लाह का मेहमान जानेवाला है : मौलाना मिसबाही
मौलाना डॉ असगर मिसबाही ने बरियातू जामा मस्जिद में जुमा की नमाज के पहले तकरीर की. उन्होंने कहा कि अल्लाह का मेहमान जानेवाला है. चंद दिनों के बाद यह महीना बिदा लेनेवाला है. इसलिए जो भी दिन बचा है, उसमें अधिक से अधिक वक्त इबादत में गुजारें. बताया कि बरियातू ईदगाह में सुबह आठ बजे ईद की नमाज अदा की जायेगी. वहीं बरियातू जामा मस्जिद में सुबह नौ बजे नमाज अदा करायी जायेगी. लोगों से 10 अप्रैल को चांद देखने की अपील की है. इस दौरान अलविदा जुमा की नमाज अदा करते वक्त कई लोगों की आंखें नम हो गयीं. यह आंसू इस महीने की विदाई का था. रो-रोकर नमाज अदा की और दुआएं मांगी. आनेवाले वर्षों में भी इसी तरह सबको ठीक रखते हुए यह महीना नसीब करवायें, ताकि लोग फिर से पूरे माह तक इबादत कर सकें. वहीं जामा मस्जिद अपर बाजार में मुफ्ती तलहा नदवी ने दोपहर 1:30 बजे नमाज अदा करायी. हव्वारी मस्जिद में शहर काजी मुफ्ती कमर आलम कासमी ने अदा करायी. उन्होंने कहा कि रमजान का महीना रहमत और बरकत का महीना होता है. उन्होंने जकात, सदका, फितरा के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि हर चीज की गंदगी होती है. आपकी कमाई की गंदगी जकात है. इसे अदा करने से वह साफ हो जाता है. वहीं अब्दुल्लाह मस्जिद, पत्थलकुदवा मस्जिद, मक्का मस्जिद, मदीना मस्जिद, डोरंडा मरकजी मस्जिद, हांडा मस्जिद, मणिटोला मस्जिद, डोरंडा जामा मस्जिद समेत अन्य मस्जिदों में भी नमाज अदा की गयी.