औरंगाबाद. कुटुंबा प्रखंड अंतर्गत मिडिल स्कूल महाराजगंज के बच्चे एवं शिक्षक भौंरों के आतंक से काफी परेशान है. जानकारी के अनुसार विद्यालय की चहारदीवारी से सटे एक बगीचे में करीब 50 भौंरों का छत्ता है. चापाकल और नल पर पानी के पास सैकड़ों मधुमक्खियां मंडराती रहती हैं और किसी भी समय विद्यालय के बच्चे एवं शिक्षक पर टूट पड़ती हैं. स्थिति यह है कि हर दिन एक दो बच्चे व शिक्षक भौंरों के काटने से जख्मी हो रहे हैं. भौंरों के आतंक से कई बच्चों ने तो विद्यालय आना भी छोड़ दिया है. ऐसे में विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति भी कम हो रही है. सबसे बड़ी बात तो यह है कि विद्यालय परिसर में ही नेताजी सुभाष चंद्र आवासीय छात्रावास संचालित है. जहां कई बच्चे दिन रात रहकर पढ़ाई करते हैं. भौंरों के डर से विद्यालय में आवासित बच्चे अपने कक्ष से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं. बच्चे अब रात में स्नान कर रहे हैं तथा अपना कपड़ा साफ कर रहे हैं. अब तक विद्यालय के शिक्षक बसंती कुमारी, संजय कुमार मेहता, नितेश कुमार, प्रधानाध्यापक सत्यनारायण रजक, रसोईया इंदु देवी कुसुम देवी, छात्र गुड़िया कुमारी, खुशी कुमारी, रानी कुमारी, लक्ष्मी कुमारी, मंजू कुमारी भौंरों के चपेट में आये है. विद्यालय प्रबंधक ने बीइओ, अंचल अधिकारी एवं वन विभाग के अधिकारी का ध्यान इस आकृष्ट कराते हुए समस्या से निजात दिलाने की मांग की है.
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भौंरों के आतंक से मिडिल स्कूल महाराजगंज के बच्चे व शिक्षक परेशान
औरंगाबाद. कुटुंबा प्रखंड अंतर्गत मिडिल स्कूल महाराजगंज के बच्चे एवं शिक्षक भौंरों के आतंक से काफी परेशान है. जानकारी के अनुसार विद्यालय की चहारदीवारी से सटे एक बगीचे में करीब
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