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छपरा में चमकी बुखार की संदिग्ध मरीज 18 माह की बच्ची अस्पताल में भर्ती, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर

चमकी बुखार. मरीजों के लिए स्पेशल बेड तैयार, जिले के सभी पीएचसी में भी तैयारी शुरू, चिकित्सक 24 घंटे कर रहे हैं संदिग्ध मरीजों के हेल्थ की मॉनीटरिंग. ओपीडी के सामने बनाया गया कंट्रोल रूम.

छपरा. शनिवार को सदर अस्पताल में बुखार से पीड़ित के 18 माह की बच्ची को उसके परिजन इलाज के लिए लेकर आये. उसमें चमकी बुखार के संदिग्ध लक्षण की बात कही जा रही है. हालांकि चिकित्सकों ने किसी तरफ की कोई पुष्टि नहीं की है. डीपीएम अरविंद कुमार का कहना है कि संदिग्ध लक्षण वाली एक बच्ची को वार्ड में शिफ्ट किया गया है. उसके स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग की जा रही है. वहीं जिले में चमकी बुखार को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है. सदर अस्पताल सहित जिले के सभी पीएचसी में भी तैयारी शुरू कर दी गयी है. सभी जगह बेड की उपलब्धता, दवा की उपलब्ध सुनिश्चित कराने के अलावे डॉक्टर की भी प्रतिनियुक्ति भी कर दी गयी है. विदित हो कि सूबे के सभी जिलों में चमकी बुखार के आने की संभावना है. चमकी बुखार से बचाव को लेकर जिला मुख्यालय सहित प्रखंड स्तर पर भी कंट्रोल रूम बना बनाया जा रहा है. सदर अस्पताल के ओपीडी के सामने कंट्रोल रूम बना दिया गया है. कंट्रोल रूम से नियमित मॉनिटरिंग भी की जायेगी.

आइसीयू में बनाये गये 10 बेड

इस संदर्भ में डीपीएम ने बताया कि फिलहाल आइसीयू में 10 बेड बनकर तैयार है. वहीं मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होने पर आगे भी बेड की संख्या में बढ़ोतरी होगी. विभाग को साफ-सफाई रखने का भी निर्देश दिया गया है. विभाग में बेड के अलावे एक दवा किट भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. इसमें 13 तरह की दवाएं व सामग्री शामिल होंगी.

लोगों को जागरूक करने का दिया गया है निर्देश

चमकी बुखार को लेकर अस्पताल प्रशासन ने आम लोगों को जागरूक करने की भी व्यवस्था की है. माइकिंग समेत अन्य उपायों के माध्यम से जागरूक किया जायेगा. जिससे इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके. चिकित्सकों का कहना है कि चमकी से बचाव को लेकर बच्चों को खाली पेट नहीं सोने देना है. इतना ही नहीं यदि बच्चा बिना खाये सो गया है तो उसे जगाकर खिलाना है. बीमार होने की स्थिति में फौरन पास के अस्पताल ले जाना है.

क्या है लक्षण

चमकी बुखार 15 वर्ष आयु तक के बच्चों को अधिक अपनी चपेट में लेता है. इस रोग का प्रारंभिक लक्षण रोगी के मस्तिष्क व शरीर में ऐंठन होने लगता है. इसके अलावे तेज बुखार, शरीर में कमजोरी से बार-बार बेहोश होना भी शामिल है. गर्मी के मौसम में यह बीमारी बच्च ऐप पर पढ़ें है. इससे बचाव को लेकर बच्चों को गर्मी में खेलने या बाहर जाने से परहेज करना चाहिए.

क्या कहते है अस्पताल प्रबंधक

चमकी से बचाव को लेकर तैयारी पूरी कर ली गयी है. सदर अस्पताल के आइसीयू समेत पीकू वार्ड को भी अलर्ट कर दिया गया है. – राजेश्वर प्रसाद, प्रबंधक, सदर अस्पताल

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