मतदाता का नाम सूची में दर्ज होना आनिवार्य, चुनाव के दिन मिली छुट्टी का इस्तेमाल मतदान करने में करें
जिला निर्वाचन अधिकारी अनन्य मित्तल अपनी पूरी टीम के साथ जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र में शांतिपूर्ण मतदान कराने व मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान चला रहे हैं. इसके तहत पूर्वी सिंहभूम जिले में विभिन्न गतिविधियां जैसे पोस्टर, रील, मेंहदी, रंगोली, स्लोगन, कुकिंग प्रतियोगिता आदि का आयोजन कर लोगों की भागीदारी लोकतंत्र के इस महापर्व में सुनिश्चित हो इस दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं. डीसी ने बताया कि मतदान के लिए वोटर कार्ड का होना जरूरी नहीं है, पहली जरूरत है कि मतदाता सूची में नाम दर्ज हो.
12 पहचान पत्र वैकल्पिक दस्तावेजों की सूची में हैं शामिलवैध आइडी प्रमाण के रूप में 12 दस्तावेज जमा करते हैं. इनमें 1.आधार कार्ड, 2. मनरेगा जॉब कार्ड, 3. फोटोयुक्त बैंक या पोस्ट ऑफिस पासबुक, 4. श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, 5. ड्राइविंग लाइसेंस, 6. पैन कार्ड, 7. एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर) के तहत जारी स्मार्ट कार्ड, 8. पासपोर्ट, 9. फोटो सहित पेंशन दस्तावेज, 10. केंद्र या राज्य सरकारों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा जारी सेवा आइडी कार्ड (फोटो के साथ), 11. सांसदों, विधायकों, एमएलसी को जारी किया गया आधिकारिक पहचान पत्र 12. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी विशिष्ट विकलांगता आइडी (यूडीआइडी) आदि शामिल हैं.
चुनाव को पर्व के रूप में लें, औरों को भी मताधिकार के लिए प्रेरित करें जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने मतदान के दिन शहरी उदासीनता के विषय में कहा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मतदान की तिथि को घोषित अवकाश का पूरा उपयोग मतदान करने के लिए करें न कि पिकनिक अथवा घर में सोने, आराम करने के लिए. मतदान के दिन सभी संस्थाओं में सवैतनिक अवकाश का प्रावधान है, ताकि सभी वोटर अपने- अपने मतदान केंद्र पहुंचकर मताधिकार का प्रयोग कर सकें. सभी भागीदार वोटर अवेयरनेस फोरम (वीएएफ) के सदस्यों से जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने मतदाता कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की.