16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गरही जलाशय में अब भी दिख रहे प्रवासी पक्षी

पक्षियों के लिए अद्भुत स्थान है गरही जलाशय: अरविंद मिश्रा

जमुई. मंदार नेचर क्लब के संस्थापक अरविंद मिश्रा के नेतृत्व में पक्षी विशेषज्ञों की टीम ने जमुई जिला स्थित गरही जलाशय का निरीक्षण किया. नेचर क्लब के संस्थापक अरविंद मिश्रा ने बताया कि एशियाई जल पक्षी गणना बिहार की टीम ने शीतकाल के पश्चात अध्ययन के दौरान गरही जलाशय में पक्षियों की गणना की. इसमें भागलपुर के पक्षीविद् वतन कुमार, जमुई जिला बर्ड गाइड मनीष कुमार यादव, संदीप कुमार भी शामिल थे. इसमें गरही क्षेत्र के वनपाल मुकेश कुमार, नागी क्षेत्र के वनपाल अनीश राठौर का विशेष सहयोग रहा. उन्होंने बताया कि हमारी टीम ने गरही स्पिल-वे से लेकर रोपावेल गांव तक दक्षिणी व उत्तरी धाराओं के छोर तक भ्रमण किया. गर्मी प्रारंभ होने के साथ ही जमुई जिले के अन्य जलाशय की तरह गरही जलाशय में भी जल का विस्तार और संचयन अत्यंत कम हो गया है और पक्षियों की संख्या भी कम देखी गयी, प्रवासी पक्षी अपने देश को निकल चुके हैं लेकिन अभी भी इस जलाशय में कुछ प्रवासी पक्षी देखने को मिले हैं. इसमें पैसिफिक गोल्डन प्लोवर जो अलास्का और साइबेरिया जैसे देशों में जाकर प्रजनन करते हैं, 40 की संख्या में नजर आये. इनके साथ कुछ रेड क्रेस्टेड पोचार्ड यानि लालसर, ग्रीन शंक, वुड सैंडपाइपर, टेमिंक्स स्टिंट और लिटिल रिंग प्लोवर भी दिखे. देसी प्रजातियों में लेसर व्हिसलिंग टील यानि छोटी सिल्ही, व्हाइट आईबिस, ब्लैक आईबिस, ब्लैक विन्गड स्टिल्ट, स्माल प्रेटिंकोल, लिटिल कोर्मोरेंट, एशियन ओपेनबिल, ग्रे हेरोन वाइट ब्रोड वैगटेल और लिटिल ग्रीब आदि शामिल थे. इस जलाशय में पिछले वर्ष से मछली मारने के प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, फिर भी जमुई जिले के वन प्रमंडल पदाधिकारी तेजस जायसवाल पक्षियों के लिए अद्भुत माने जाने वाले इस जलाशय में पक्षी पर्यटन को बढ़ावा देने को लेकर गंभीर नजर आये. उन्होंने बताया कि पर्यटकों को पक्षियों का अवलोकन कराने को लेकर गरही जलाशय में वाच टावर और बर्ड गाइड की व्यवस्था करने के बारे में योजना बनायी जा रही है. गरही जलाशय तो पक्षियों के लिए सचमुच अद्भुत स्थान है. यहां प्रत्येक भ्रमण में कुछ-न-कुछ विशेष जरूर दिख जाता है. शीतकाल में यहां हिमालयी क्षेत्र में पाये जाने वाले व्हाइट कैप्ड, वाटर रेड, स्टार्ट स्पिल-वे के पास दिखायी देते हैं. इसके अलावा प्रवासी पक्षी पैसिफ़िक गोल्डन प्लोवर का झुंड भी यहां अक्सर दिख जाता है जो बिहार के अन्य क्षेत्रों में कभी कभार ही दिखता है. इस भ्रमण की सबसे बड़ी बात यहां दो सफेद गिद्ध यानि इजिप्शियन वल्चर का दिखना रहा, जिनका आकाश में ही चील का झुंड सीमा के बाहर करने को लेकर लगातार पीछा कर रहा था. यह पक्षी पूरे विश्व में अति संकटग्रस्त पक्षियों की श्रेणी में आता है और बिहार में यदा-कदा ही नजर आता है. इनका गरही जलाशय में जोड़े में दिखना इस बात का संकेत देता है कि इनका प्रजनन भी इस इलाके में होता हो, वैसे ग्रिद्धेश्वर पर्वत के निकट इन गिद्धों का दिखना भी एक हर्ष की बात है. भगवान महावीर की जन्म स्थली जन्मस्थान लछुआड़ के साथ ही गरही जलाशय में पक्षियों के लिए भी प्राकृतिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है. वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार सरकार द्वारा वर्ष 2022 से ही चलाये जा रहे इस एशियाई जल पक्षियों की गणना के कार्यक्रम के तहत इस वर्ष राज्य के लगभग 90 जलाशयों में जल-पक्षियों की गणना कार्य हुआ है. इसमें चुनिंदा नौ क्षेत्रों में मध्य शीतकाल के अलावा शीतकाल की शुरुआत में जब प्रवासी पक्षी हमारे यहां आना शुरू करते हैं और शीत काल के बाद जब प्रवासी पक्षी अपने वतन वापस लौटने लगते हैं, उस समय भी जल पक्षियों की गणना करायी जा रही है. इनमें जमुई जिले के झाझा प्रखंड में स्थित नागी-नकटी जलाशय भी शामिल है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें