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रोड नहीं बनने से आक्रोशित ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों के गांव में प्रवेश पर लगायी रोक

मतदाता अब नेताओं से अपने गांव कस्बों के विकास की मांग को लेकर भी अपने तेवर को बढ़ाना शुरु कर दिया है. मधेपुर प्रखंड के सिकरिया, बाथ होते हुए तरडीहा जुड़वा बांध तक जाने वाली मुख्य सड़क की जर्जरता से परेशान ग्रामीणों ने जगह-जगह रोड नहीं तो वोट नहीं की घोषणा कर दिया है.

झंझारपुर. जैसे जैसे चुनाव की तिथि नजदीक आ रही है, चुनावी पारा भी बढ़ रहा है. विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा होना बांकी है, तो कई लोग कहीं से टिकट का जुगाड़ होते नहीं देख अब निर्दलीय ही चुनाव लड़ने की घोषणा भी करने लगे हैं. इसी बीच मतदाता अब नेताओं से अपने गांव कस्बों के विकास की मांग को लेकर भी अपने तेवर को बढ़ाना शुरु कर दिया है. मधेपुर प्रखंड के सिकरिया, बाथ होते हुए तरडीहा जुड़वा बांध तक जाने वाली मुख्य सड़क की जर्जरता से परेशान ग्रामीणों ने जगह-जगह रोड नहीं तो वोट नहीं की घोषणा कर दिया है. मांगने के लिए पंचायत व गांव में जनप्रतिनिधियों एवं कार्यकर्ताओं के प्रवेश पर लोगों पाबंदी लगा दिया है. महिशाम पंचायत के सिकरिया चौक, बाथ पंचायत के मुख्य मार्गों तथा तरडीहा चौक पर लगे बैनरों में गांव के अंदर जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर रोक लगाने की बात लिखी गई है. प्रवेश करने पर लोगों द्वारा दुर्व्यवहार किये जाने पर स्वयं जिम्मेवार की भी बात बैनर व पोस्टर पर लिखी गई है. प्रखंड के मधेपुर पूर्वी, महिशाम, बाथ, तरडिहा, सुंदर विराजित, मटरस आदि पंचायतों का यह सड़क लाइफ लाइन है. लेकिन वर्षों से उपेक्षित है. ग्रामीणों द्वारा इस संबंध में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के पास कई बार गुहार लगाया जा चुका है. परंतु धरातल पर स्थिति जस की तस बनी हुई है. मधेपुर से बाथ होते हुए तरडीहा जुड़वा बांध तक सड़क निर्माण करवाने के लिए 11 अप्रैल 2023 को ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव को पत्र लिखा गया था. जिसके बाद ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंता प्रमुख इंजीनियर अशोक कुमार मिश्रा ने 24 अप्रैल 2023 को पत्र लिखकर ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल झंझारपुर के कार्यपालक अभियंता से सड़क के बारे में जानकारी मांगी थी. तदुपरांत ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा सड़क निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई. मधेपुर न्यू बस स्टैंड से बाथ होते हुए तरडीहा जुड़वा बांध तक 9 किलोमीटर 200 मीटर लंबाई वाले इस सड़क के निर्माण हेतु 6 करोड़ दो लाख दस हजार रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति राज्य सरकार द्वारा दी गई. बावजूद इसके साल भर बीत जाने के उपरांत भी सड़क निर्माण नही होने से स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है. बाथ पंचायत निवासी मुकेश मिश्रा बताते हैं कि लगातार ग्रामीणों द्वारा जनप्रतिनिधियों के पास गुहार लगाने के बावजूद भी सिर्फ आश्वासन मिला है धरातल पर कोई काम होता नही दिख रहा. इसी प्रकार महिशाम पंचायत के सिकारिया गांव निवासी सुनील कुमार बताते हैं कि जर्जर सड़क के कारण व्यवसाय पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. बाथ, तरडिहा, सुंदर विराजित एवं मटरस पंचायतों से आने वाले ग्राहकों को एक मुस्त समान ले जाने के लिए दोगुना भाड़ा देना पड़ता है. इसलिए वे खरीदारी के लिए अन्य बाजारों का रुख करने लगे हैं.

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