बिपिन सिंह, रांची : हार्ट अटैक या हृदय से जुड़ी गंभीर बीमारी होने पर एक कॉल पर एंबुलेंस आपके घर पहुंचेगी. स्वास्थ्य विभाग ने 108 एंबुलेंस सेवा की तर्ज पर ”एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट कार्डियक एंबुलेंस सेवा” की पहल की है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने राशि स्वीकृत कर खरीद प्रक्रिया को आगे बढ़ाने को कहा है. सभी जिलों के सिविल सर्जन को संचालन से जुड़े प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया गया है. इसके हिसाब से ही यहां डॉक्टर और पारा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति होगी. कार्डियक एंबुलेंस सेवा शुरू होने से हृदय रोगियों को राहत मिलेगी. फोन करने पर एंबुलेंस मरीज के घर पहुंचेगी. मरीज को प्राथमिक ट्रीटमेंट देने के बाद इमरजेंसी की स्थिति में मेडिकल कॉलेज या अस्पताल में भर्ती कराया जायेगा. फिलहाल, आमलोगों को जरूरत के समय कार्डियक एंबुलेंस का लाभ नहीं मिल पाती है. क्योंकि, सरकार के पास सिर्फ एक ही कार्डियक एंबुलेंस सेवा में है, जो रिम्स के पास है.
पहले चरण में मेडिकल कॉलेज से इसे टैग किया जायेगा
यह सेवा दो चरणों में शुरू होगी. पहले चरण में झारखंड के मेडिकल कॉलेज से इसे टैग किया जायेगा. जहां मेडिकल कॉलेज नहीं है, वहां सिविल सर्जन को इसके संचालन की जिम्मेदारी दी जायेगी. इस कड़ी में धनबाद, जमशेदपुर, बोकारो, देवघर, दुमका आदि को कुल 10 एंबुलेंस मिलेगी. इसमें रांची को भी शामिल किया गया है. रिम्स को दो और एक एंबुलेंस रांची सदर अस्पताल को दी जायेगी.
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गोल्डन ऑवर में इलाज मिलना जरूरी
कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित मरीज को पहले घंटे के भीतर उचित चिकित्सा सहायता और उपचार मिलना चाहिए. इन 60 मिनट में रक्त वाहिका (आर्टरी) को संकीर्ण या अवरुद्ध होने से रोकने में गोल्डन आवर शामिल होता है. इसके बाद हृदय और मस्तिष्क की मांसपेशियों को होने वाली क्षति में वृद्धि के कारण रोगी के जीवित रहने की संभावना कम हो जाती है.
एंबुलेंस में होंगे अत्याधुनिक उपकरण
कार्डियक एंबुलेंस में एक वेंटिलेटर, डिफाइब्रिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, इसीजी मशीन, ब्लड प्रेशर मापने का उपकरण, कार्डियोलॉजी मॉनिटर आदि अत्याधुनिक उपकरण होंगे. ये उपकरण कार्डियक अरेस्ट और आपात स्थिति से निपटने में कारगर है. जिले में 108 एंबुलेंस सेवा से अब तक 163 हृदय रोगियों को इमरजेंसी में भर्ती कराया गया है.