चाईबासा. केंद्र और राज्य की सरकारें कोल्हान के विकास में विफल रही हैं. कोल्हान ऑटोनोमस काउंसिल के बिना विकास असंभव है. काउंसिल के गठन से यहां के आदिवासी-मूलवासी सुरक्षित होंगे. इसे लेकर कोल्हान रक्षा संघ की ओर से दाखिल मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है. ज्ञात हो कि पटना उच्च न्यायालय ने तीन माह के अंदर कोल्हान का प्रारूप तैयार करने का निर्देश दिया था. उसी वक्त सन 2000 में झारखंड का गठन हो गया. इसके बाद मामला अधर में लटक गया. उक्त बातें सोमवार को जेटेया थाना क्षेत्र के चेतन कुंद्रीजोर गांव में कोल्हान रक्षा संघ की जनसभा में संघ के केंद्रीय अध्यक्ष माइकल तिरिया ने कही. श्री तिरिया ने कहा कि विल्किंसन रूल को आज राजनीतिक षड्यंत्र के तहत समाप्त करने की साजिश रची जा रही है. राज्य सरकार संविधान की 05वीं अनुसूची का पारा 5 (I) को नजरंदाज कर कोल्हान में जबरन अपना नियम लागू कर रही है. कोल्हान रक्षा संघ संवैधानिक लड़ाई लड़ रहा है.
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ऑटोनोमस काउंसिल के बिना कोल्हान का विकास असंभव : तिरिया
केंद्र और राज्य की सरकारें कोल्हान के विकास में विफल रही हैं. कोल्हान ऑटोनोमस काउंसिल के बिना विकास असंभव है. काउंसिल के गठन से यहां के आदिवासी-मूलवासी सुरक्षित होंगे.
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