झारखंड हाइकोर्ट ने साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, गोड्डा और जामताड़ा आदि क्षेत्र में अवैध प्रवासियों (बांग्लादेशी घुसपैठियों) के प्रवेश के कारण जनसंख्या में हो रहे बदलाव को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान पक्ष सुनने के बाद मौखिक रूप से केंद्र सरकार से पूछा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू हो गया है. सीएए के तहत केंद्र सरकार संताल परगना क्षेत्र के साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, गोड्डा व जामताड़ा जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रवेश के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है या नहीं? खंडपीठ ने इस बिंदु पर तीन सप्ताह के भीतर केंद्र सरकार से इंस्ट्रक्शन लेकर शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने दो मई की तिथि निर्धारित की. इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान खंडपीठ को बताया गया कि संताल परगना क्षेत्र के जिलों में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी घुसपैठिये अवैध प्रवेश करते हैं. घुसपैठ लगातार बढ़ती जा रही है. इसके कारण उस क्षेत्र की डेमोग्राफी बदलती जा रही है. घुसपैठिये आदिवासी आबादी को बहुत प्रभावित कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू किया है. इसके आधार पर केंद्र सरकार कार्रवाई कर सकती है. राज्य सरकार की इसमें अधिक भूमिका नहीं है. झारखंड में घुसपैठ पर पूर्ण रोक लगाने की जरूरत है. केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने पैरवी की. पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र सरकार व राज्य सरकार की संयुक्त टीम बना कर अवैध प्रवेश पर कार्रवाई करने को कहा था. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी दानियल दानिश ने जनहित याचिका दायर कर बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रवेश को रोकने की मांग की है.
सीएए लागू होने के बाद संताल में बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कार्रवाई हो सकती है या नहीं : हाइकोर्ट
झारखंड हाइकोर्ट ने साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, गोड्डा और जामताड़ा आदि क्षेत्र में अवैध प्रवासियों (बांग्लादेशी घुसपैठियों) के प्रवेश के कारण जनसंख्या में हो रहे बदलाव को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की.
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